
धमतरी : वर्षा के जल से शहर के तालाब लबालब हो गए हैं। इसके लिए गर्मी के मौसम में वर्षा जल को बचाने के उद्देश्य से निकासी नालियों की वृहद तौर पर साफ- सफाई की गई थी। इसके चलते खाली स्थानों में भरने वाला पानी बहते हुए सीधे तालाबों (ponds) तक पहुंच रहा है। इन दिनों को शहर के लगभग सभी तालाबों में पर्याप्त मात्रा में जल संग्रहित हो गया है। नगर निगम द्वारा पूर्व में किए गए प्रयास के कारण यह संभव हो पाया। नगर निगम के अधिकारी कर्मचारी और जनप्रतिनिधि तालाबों में पहुंचकर स्थिति का निरीक्षण कर रहे हैं।
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नगर निगम आयुक्त विनय कुमार द्वारा पदभार ग्रहण करते ही जनहित के हर पहलुओं को प्राथमिकता देते हुए कार्य कर रहे हैं। शहर की विभिन्न व्यवस्था को दुरुस्त करने के उद्देश्य से वे निरीक्षण कर रहे हैं। इस क्रम में उन्होंने शहर के विभिन्न तालाबों (ponds) का जायजा लिया। नगर निगम प्रशासन द्वारा गर्मी में गिरते हुए जल स्तर को बढ़ाने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास शुरू किया गया। नालियों के माध्यम से वर्षा जल से निगम क्षेत्र के तालाबों का भराव किया जा रहा है। आयुक्त विनय कुमार ने यथा संभव सभी क्षेत्र के निस्तारी से तालाबों (ponds) का भराव कर जल स्तर को बढ़ाने के निर्देश सभी वार्ड अभियंताओं को दिए हैं। आयुक्त विनय कुमार द्वारा आज मकई तालाब, बनिया तालाब, कठोली तालाब, खोड़िया तालाब, शीतला तालाब का निरीक्षण करते हुए सभी तालाबों को स्वच्छ बनाए रखने लिए स्वच्छता गैंग के माध्यम से सफाई करवाने के निर्देश देते हुए सभी तालाबों को लीजधारियों की जानकारी ली।
रमसगरी तालाब का जनप्रतिनिधियों ने किया निरीक्षण -
शहर के हृदय स्थल में स्थित रमसगरी तालाब (ponds) में लबालब पानी भरने के साथ ही नजारा बेहद खूबसूरत नजर आ रहा है। एमआईसी मेंबर व जल विभाग के प्रभारी अवैश हाशमी, लोक निर्माण विभाग प्रभारी राजेश ठाकुर, पार्षद दीपक सोनकर व वार्डवासियों ने तालाब (ponds) का निरीक्षण किया। इन्होंने महापौर विजय देवांगन की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि शहर के तालाबों को भरने के लिए निगम ने बेहतर कार्ययोजना बनाकर काम किया। कच्ची नाली का निर्माण होने से वर्षा का पानी सीधे तालाबों (ponds) में पहुंच रहा है। पूर्व में देखा जाता था कि बारिश का पानी व्यर्थ बह जाता था और बारिश के दिनों में भी तालाब (ponds) लबालब नहीं भर पाते थे। अब तालाबों (ponds) में पर्याप्त पानी रहने से भूमि का जलस्तर बना रहेगा। निस्तारी के लिए तालाबों का उपयोग किया जा सकेगा।
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