गंगटोकः सिक्किम त्रासदी के करीब डेढ़ महीने बाद उत्तरी सिक्किम की लाचेन और लाचुंग घाटी में यातायात बहाल कर दिया गया है। 4 अक्टूबर की सुबह ल्होनक झील के फटने से अचानक आई बाढ़ में उत्तरी सिक्किम में चुंगथांग पुल बह गया, जिससे राज्य का लाचेन और लाचुंग घाटी से संपर्क ( Connectivity) टूट गया।
कुछ घंटों के अंदर शुरू हुआ काम
अचानक आई बाढ़ ने व्यापक विनाश किया और चुंगथांग का एकमात्र स्थायी पुल भी बह गया। बाढ़ के कारण आधा शहर कीचड़ और मलबे में डूब गया। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने आपदा के कुछ ही घंटों के भीतर तेजी से अपनी जनशक्ति और विशेष उपकरण जुटाए और चुंगथांग शहर से मलबा और गंदगी साफ करने का कठिन कार्य शुरू किया।
उधर, बीआरओ ने भारतीय सेना के साथ मिलकर चुंगथांग पर पुल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया। बीआरओ और सेना के दिन-रात के प्रयासों के बाद, चुंगथांग में बेली ब्रिज का निर्माण पूरा हो गया है, जिससे मंगन और चुंगथांग के बीच महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी बहाल हो गई है।
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राहत कार्यों को मिलेगी ताकत
बीआरओ ने गुरुवार को एक बयान में कहा, पुल का आधिकारिक उद्घाटन 16 नवंबर को हुआ। इस मौके पर पीडब्ल्यूडी विभाग के मंत्री समदुप लेप्चा और बीआरओ व सेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। यह नया बेली ब्रिज चुंगथांग के लिए बहुत महत्व रखता है। इस बेली ब्रिज के बनने के बाद उत्तरी सिक्किम के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों को और ताकत मिलेगी। इस उपलब्धि ने अब बीआरओ को लाचेन शहर से कनेक्टिविटी बहाल करने की एक और चुनौती लेने के लिए प्रोत्साहित किया है।
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