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तेजी से बढ़ रहा कंजंक्टिवाइटिस, जारी हुई नई गाइडलाइन

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  देहरादूनः उत्तराखंड में कंजंक्टिवाइटिस यानी आई फ्लू के मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने कंजंक्टिवाइटिस यानी आई फ्लू को लेकर गाइडलाइन जारी की है। इन मरीजों की संख्या बढ़ती देख अस्पताल प्रबंधन भी लगातार लोगों से खुद को आइसोलेट करने के लिए कह रहा है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश जारी किये हैं। इन दिशानिर्देशों में कहा गया है कि चूंकि कंजक्टिवाइटिस (आई फ्लू) रोग वर्तमान में एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में उभर रहा है, यह एलर्जी, बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के कारण हो सकता है। कंजंक्टिवाइटिस संक्रमित व्यक्ति की आंखों के तरल पदार्थ के संपर्क में आने से फैलता है और काफी संक्रामक हो सकता है। अपने जिले में कंजंक्टिवाइटिस रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए अस्पताल स्तर पर सभी आवश्यक दवाओं एवं अन्य तैयारियों की उपलब्धता सुनिश्चित करें। कंजंक्टिवाइटिस की रोकथाम के लिए आम जनता में जागरूकता पैदा की जानी चाहिए। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि अगर आपकी आंखों में आई फ्लू के लक्षण दिख रहे हैं तो विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करें और इलाज कराएं। किसी भी ओवर-द-काउंटर दवा या आई ड्रॉप का उपयोग स्वयं न करें क्योंकि वे आपके जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

कंजक्टिवाइटिस (आई फ्लू) के लक्षण-

आंख की बाहरी झिल्ली और पलक के अंदरूनी हिस्से में सूजन या संक्रमण। कंजंक्टिवाइटिस (आई फ्लू) आंख की परत जिसे कंजंक्टिवा कहा जाता है, की सूजन या जलन है, जो आंख की पुतली के सफेद हिस्से को प्रभावित करती है, जो एलर्जी, बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के कारण हो सकती है। कंजंक्टिवाइटिस संक्रमित व्यक्ति की आंखों के तरल पदार्थ के संपर्क में आने से फैलता है और काफी संक्रामक हो सकता है। यह भी पढ़ेंः-भारत ने कहा- BRICS के विस्तार को लेकर असहमति की खबरें निराधार

लक्षण-

1- आंखों में लाली आना 2- लगातार खुजली, जलन, धुंधली दृष्टि और आंखों से पानी आना 3- प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता, पलकें सूजी हुई 4- पलकों का सिकुड़ना, दृष्टि संबंधी समस्याएं

संक्रमण को फैलने से कैसे रोकें?

1- कंजंक्टिवाइटिस को फैलने से रोकने के लिए सबसे जरूरी है साफ-सफाई रखना, इसके अलावा इन बातों का भी रखें ध्यान। 2- अपनी आंखों को हाथों से न छुएं। 3- जब भी जरूरी हो अपने हाथ धोएं। 4- अपनी निजी चीजें जैसे तौलिया, तकिया, आई कॉस्मेटिक्स (आंखों का मेकअप) आदि किसी के साथ साझा न करें। 5- अपने रूमाल, तकिए के कवर, तौलिये आदि को रोजाना धोएं।

क्या करें-

1- जब भी जरूरी हो अपने हाथ धोएं। अपने रूमाल, तकिए के कवर, तौलिये आदि को रोजाना धोएं। 2- विशेषज्ञ से संपर्क करें और इलाज कराएं। 3- घर से बाहर या धूल में जाने से पहले चश्मा पहनना। 4- अपने तकिये का कवर बार-बार बदलें।

ये काम करने से बचें

1- अपनी आंखों को हाथ से न छुएं। आंखों को हाथों से नहीं मसलना चाहिए। 2- अपनी निजी चीजें जैसे तौलिया, तकिया, आंखों के सौंदर्य प्रसाधन आदि किसी के साथ साझा न करें। 3- स्वयं या ओवर-द-काउंटर दवाओं या आई ड्रॉप का उपयोग न करें। 4- आंखें ठीक होने तक आपको कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से बचना चाहिए। 5- काजल जैसे ब्यूटी प्रोडक्ट्स शेयर न करें। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)