नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय द्वारा इस बात की पुष्टि करने के एक दिन बाद कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2022 में जी20 बाली शिखर सम्मेलन में अपनी संक्षिप्त बैठक के समय सीमा संकट पर चर्चा की, कांग्रेस ने शुक्रवार को एक बार फिर सरकार पर निशाना साधा और कहा, '' क्या यह आम सहमति है या प्रधानमंत्री द्वारा दी गई रियायत है।”
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, "जब से प्रधानमंत्री ने 19 जून, 2020 को सार्वजनिक रूप से चीन को क्लीन चिट दी है, तब से मोदी सरकार ऐसा व्यवहार ककर रही है जैसे वह चीन पर सख्त हो रही है, व कोई समझौता नहीं हुआ है जबकि चीनी सैनिक पिछले LAS समझौतों का उल्लंघन कर रह हैं।
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राज्यसभा सांसद ने कहा, ''16 नवंबर, 2022 को बाली में मादी और शी के बीच रात्रिभोज पर हुई बातचीत को महज 'शिष्टाचार का आदान-प्रदान' बताया गया. वहीं 25 जुलाई, 2023 को चीनी विदेश मंत्रालय के एक बयान में बाली प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच 'महत्वपूर्ण सहमति' का जिक्र किया.
कांग्रेस नेता ने कहा, ''27 जुलाई को हमारे विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की कि बाली में दोनों नेताओं के बीच शिष्टाचार से आगे की चर्चा हुई, तो क्या यह प्रधानमंत्री मोदी की रियायत है?'' क्या चीनी सैनिक आखिरकार डेपसांग और डेमचोक से पीछे हट जाएंगे, जहां उन्होंने तीन साल से भारतीय गश्त को बाधित कर रखा है। इस बीच दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्ते ऐसे आगे बढ़ रहे हैं मानो लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीनी घुसपैठ कभी हुई ही न हो। उनकी टिप्पणी विधेस मंत्रायल के जरिए गुरुवारा को पुष्टि किए जाने के एक दिन बाद आई है कि पीएम मोदी व चीनी राष्ट्रपति ने पिछले नवंबर में बाली में जी 20 शिखर सम्मेलन में द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की आवश्यकता पर चर्चा की थी, चीन के विदेश मंत्रालय ने दावा किया था कि दोनों नेता एक समझौते पर पहुंचे थे उस समय इस मुद्दे पर "आम सहमति" बनी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पुष्टि की कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की आवश्यकता के बारे में बात की। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारत का रुख यह है कि एलएसी पर स्थिति एक बड़ा मुद्दा है, जिसे हल किया जाना चाहिए। बागची ने साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "पिछले साल बाली जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधान मंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इंडोनेशियाई राष्ट्रपति द्वारा आयोजित रात्रिभोज के समापन पर शिष्टाचार का आदान-प्रदान किया और हमारे द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की आवश्यकता दोहराई।" बागची ने कहा, "मुझे लगता है कि विदेश सचिव ने उल्लेख किया था, शायद उन्होंने इसके दूसरे भाग का उल्लेख नहीं किया। उन्होंने शिष्टाचार के आदान-प्रदान के बारे में बात की और मुझे लगता है कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की आवश्यकता के बारे में एक सामान्य चर्चा या बात हुई थी।"
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