प्रदेश उत्तर प्रदेश

सीएमओ ने बताए आई फ्लू से बचने के उपाए, दवाएं और इलाज

cmo-told-ways-medicines-and-treatment-to-avoid-eye-flu
  हमीरपुरः उमस भरी गर्मी के मौसम में तेजी से फैल रहा कंजंक्टिवाइटिस लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। अस्पताल की ओपीडी में बड़ी संख्या में इसके मरीज पहुंच रहे हैं। बीमारी के कारण स्कूलों में बच्चों की संख्या भी काफी कम हो गई है। प्राइवेट और सरकारी स्कूलों का हाल एक जैसा है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को इस वायरल जनित संक्रामक बीमारी से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है। यह भी पढ़ेंः-Eye Flu: तेजी से फैल रहे आई फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, जारी किए दिशा निर्देश मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. गीतम सिंह ने बताया कि इस समय बारिश के कारण आई फ्लू (कंजंक्टिवाइटिस) फैल रहा है। यह एक वायरल जनित संक्रामक रोग है, जिसे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगता है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। स्कूली बच्चों में भी फ्लू का खतरा तेजी से बढ़ा है। इसका कारण रुक-रुक कर हो रही बारिश और मौसम में बढ़ी नमी है। इस रोग में आंखें तेजी से लाल होने लगती हैं और पलकों पर जलन, खुजली, दर्द और सूजन हो जाती है और आंसू निकलने लगते हैं। इस बीमारी से बचाव के लिए लोगों को कुछ सावधानियां और उपाय अपनाने चाहिए ताकि वे इससे दूर रह सकें।

अपनाएं ये उपाय

-आंखों को बार-बार हाथों से न छुएं। नियमित अंतराल पर साबुन से हाथ धोएं। -अत्यधिक गर्मी और धूप में बाहर न निकलें। घर में प्रवेश करते समय हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं। किसी भी चीज को छूने के बाद हाथ धोने की आदत डालें। - प्रभावित व्यक्ति का तौलिया, बिस्तर, रूमाल और आंखों का मेकअप (सौंदर्य प्रसाधन) आदि किसी के साथ साझा न करें और उपयोग की गई सामग्री को छूने या उपयोग करने से बचें। -आंखों पर चश्मा लगाएं। -आंखों में जलन और लाली होने पर साफ पानी से धोएं। -यदि परिवार के किसी सदस्य को संक्रमण है तो संपर्क से दूर रहें। -किसी संक्रमित व्यक्ति से कभी हाथ न मिलाएं। - बच्चों के प्रभावित होने पर उन्हे एक दो दिन स्कूल न भेजें। - इस मौसम में बच्चों को हल्का बुखार आए तो आई फ्लू पर नजर रखें। आई फ्लू होने पर क्या करें - आंखों को गुनगुने पानी से साफ करें। - आंखों को साफ करने के लिए किसी साफ या सूती कपडे का प्रयोग करें। - आई फ्लू के लक्षण दिखते ही चिकित्सक को दिखाएं और मेडिकल स्टोर आदि से स्टेरायड युक्त दवाएं लेने से बचें। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)