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सीएम योगी बोले, भारत में बन रही कोरोना वैक्सीन होगी सबसे ज्यादा प्रभावी

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लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कोविड-19 व डेंगू के उपचार के लिए एफेरेसिस व केमिल्यूमिनिसेन्स फैसिलिटी व राजकीय-निजी मेडिकल कॉलेजों नवस्थापित बीएसएल लैब का वर्चुअल लोकार्पण-शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि भारत में बन रही वैक्सीन अन्य देशों की वैक्सीन से ज्यादा प्रभावी दिखाई दे रही है। इन सबके बावजूद वैक्सीन आने, प्रत्येक नागरिक तक पहुंचने और वैक्सीन का प्रभाव बरकरार रहे, इस दृष्टि से हमें और सावधान होना पड़ेगा। ऐसे में बचाव बेहद महत्वपूर्ण है। इस बचाव की दृष्टि से प्रारंभ से ही जो कार्यक्रम प्रारंभ हुए हैं, हमें उसके प्रति निरंतर सावधान होना पड़ेगा

इस मौके पर उन्होंने कहा कि पिछले आठ महीनों से पूरा प्रदेश, देश और दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है। सदी की पहली महामारी होने के कारण हर तबके ने एक नया अनुभव इस महामारी के साथ महसूस किया, साझा किया और इसके समाधान का मार्ग भी निकाला।

मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता जताई कि प्रदेश के अंदर शासन, जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक टीम, चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सभी लोगों सहित कोरोना योद्धाओं ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए इन चुनौतियों का धैर्य से मुकाबला करने के साथ ही उसके समाधान का मार्ग निकालकर एक बेहतरीन प्रदर्शन किया। प्रदेश ने देश के अन्दर और दुनिया के सामने इस दिशा में मिसाल प्रस्तुत की, जिसके कारण अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को भी उत्तर प्रदेश के मैनेजमेंट को लेकर प्रशंसा करने के लिए बाध्य होना पड़ा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। आज राजकीय मेडिकल कॉलेज कन्नौज में बीएसएल लेवल 3 की एक नई प्रयोगशाला का लोकार्पण किया जा रहा है। इसके साथ ही सात निजी मेडिकल कॉलेज में बीएसएल लेवल 2 की प्रयोगशाला का शुभारंभ होने जा रहा है। कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों की जांच में इनकी अहम भूमिका होती है। इसके साथ ही प्लाज्मा दान के लिए एंटीबॉडी सुविधा का उद्घाटन भी आज प्रदेश के अंदर अलग-अलग स्थानों पर किया जा रहा है। उन्होंने सरकारी क्षेत्रों के साथ निजी सेक्टर के इस प्रयास को सराहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कोविड-19 का पहला मामला उत्तर प्रदेश में आया था, तो हमारे पास पर्याप्त बेड और टेस्टिंग की सुविधा नहीं थी। लेकिन, एक प्रयास प्रारंभ हुआ। 23 मार्च को जो प्रदेश में कोरोना का टेस्ट प्रारंभ हुआ था तब केवल 72 टेस्ट प्रतिदिन करने की क्षमता हमारे पास थी। इसके बाद जो यात्रा हमने प्रारंभ की उसका परिणाम है कि कल प्रदेश में एक दिन में 1,45,000 सैम्पल की जांच की गई है। वहीं शनिवार को लगभग 1,75,000 टेस्ट प्रदेश में किए गए।

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उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, निजी अस्पताल, केंद्रीय संस्थान ने मिलकर टीमवर्क के साथ जो काम करना प्रारंभ किया, यह उसका परिणाम है कि आज हम पौने दो लाख टेस्ट प्रतिदिन करने की क्षमता अर्जित कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि आज के दिन कोई समस्या प्रदेश के अंदर नहीं है, क्योंकि जो प्रदेश सबसे पीछे हुआ करता था आज वह देश के अंदर लगभग 1.80 करोड़ टेस्ट सम्पन्न कर चुका है। जब जो नई प्रयोगशालाएं प्रारंभ होने जा रही हैं, उससे आरटीपीसीआर की हमारी क्षमता को बढ़ाने में और मदद मिलेगी।