Dev Deepawali: वाराणसी: रामनगरी अयोध्या के दीपोत्सव के बाद बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में देव दीपावली के पर्व पर लाखों पर्यटकों के आने की उम्मीद है। ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ ने देव दीपावली को लेकर वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस की सुरक्षा संबंधी तैयारियों की समीक्षा की है।
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस बार देव दीपावली पर 5 लाख से अधिक पर्यटकों के आने की उम्मीद है। इसे देखते हुए काशी को अभेद्य किला बनाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। काशी के 84 घाटों को 9 जोन, 11 सेक्टर और 32 सब सेक्टर में बांटकर सुरक्षा व्यवस्था का पूरा खाका तैयार किया गया है।
सड़कों पर 20 टीमें तैनात की जाएंगी
वाराणसी के पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन और जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और बताया है कि काशी में देव-दिवाली के दौरान सात घाटों पर सबसे ज्यादा भीड़ होने की संभावना है। इनमें अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट, अहिल्याबाई घाट, राजघाट, चेतसिंह घाट, नमो घाट और पंचगंगा घाट शामिल हैं। वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने घाटों की सुरक्षा का पूरा प्लान पहले ही तैयार कर लिया है। इसके अलावा घाटों से सटी संकरी गलियों में भी बड़े पैमाने पर फोर्स की तैनाती की जायेगी। अत्यधिक भीड़ वाले घाटों पर क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) की 20 टीमें तैनात की जाएंगी। घाटों पर गश्त के लिए लाउडस्पीकर के साथ 11 विशेष टीमें तैनात की जाएंगी। इसके अलावा काशी के 17 प्रमुख घाटों पर एंटी रोमियो स्क्वाड की टीमें भी रहेंगी। हर घाट पर महिला पुलिसकर्मियों की टीम भी मौजूद रहेगी। इसके अलावा लोगों को नदी में डूबने से बचाने के लिए 16 गोताखोरों का दस्ता भी उपलब्ध रहेगा।
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महिला सुरक्षा के लिए 11 पिंक बूथ
मुख्यमंत्री को बताया गया कि देव दीपावली पर पर्यटकों को घाटों का दिव्य दृश्य दिखाने के लिए गंगा में करीब 1200 नावें चलेंगी। इसको लेकर नाविकों के साथ बैठक भी हो चुकी है और उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये गये हैं। इसके अलावा भीड़ प्रबंधन के लिए शहर में पांच स्थानों पर मजबूत बैरिकेडिंग की जाएगी। इनमें मैदागिन, अस्सी, गोदौलिया, भदऊ चुंगी और रामापुरा में बैरिकेडिंग की जाएगी। महिलाओं की सुरक्षा के लिए 11 पिंक बूथ होंगे। वहीं, 7 स्थानों राजघाट, नमोघाट, रामनगर के हनुमान मंदिर, बंगाली टोला इंटर कॉलेज, डुमराव बाग, गोदौलिया चौराहा और रामापुरा चौराहा पर एकीकृत आपातकालीन हेल्पडेस्क भी स्थापित किए जाएंगे। इनमें चिकित्सा, पुलिस, यातायात, अग्निशमन दल, संचार कर्मी और खोए और पाए गए लोगों के लिए सहायता कर्मी भी शामिल होंगे।
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