UP News: लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने लोक भवन में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) और उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) से 199 समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी (सचिवालय प्रशासन विभाग), 183 कनिष्ठ सहायक परिवहन विभाग, निर्वाचन विभाग में 128 कनिष्ठ सहायक कुल मिलाकर 510 नवचयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किये।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कहा कि उन्हें खुशी है कि आज जिन लोगों को नियुक्ति मिली है, वे गोंडा, बिजनौर, अयोध्या और अंबेडकर नगर से हैं। पहले ये संभव नहीं था। केवल कुछ जिलों के लोगों का चयन किया जाता था। पिछले छह वर्षों में लगभग छह लाख सरकारी नौकरियां दी गई हैं। पिछले डेढ़ साल की बात करें तो 16 भर्ती वितरण कार्यक्रम आयोजित किये गये। हम 54 हजार से अधिक सरकारी नौकरियाँ देने में सफल रहे हैं। इससे सिद्ध होता है कि जहां चाह है वहां राह है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आपने पश्चिम बंगाल का चुनाव देखा है। मतदान के दिन न सिर्फ हिंसा से लोगों की मौत हुई, बल्कि वोटों की गिनती के दौरान भी लोगों की मौत हुई। यूपी में पंचायत चुनाव से लेकर निकाय चुनाव हुए और लोकसभा उपचुनाव हुए। कोई हिंसा नहीं हुई। बूथ कैप्चरिंग की कोई गुंजाइश नहीं। उन्होंने कहा कि वे लोकतंत्र की बात करते हैं। सबसे ज्यादा लोकतंत्र का गला वहीं लोग घोटते हैं जो लोकतंत्र को जिंदा रखने का शोर मचाते हैं।
मुख्यमंत्री योगी की युवाओं को सीख
सीएम योगी ने चयनित युवाओं से कहा कि मन में कुछ करने की चाहत होनी चाहिए। प्रधानमंत्री का कहना है कि जो लोग सामने आने वाली चुनौतियों से डर जाते हैं, वे कुछ नहीं कर पाते। उसका डटकर सामना करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो व्यवहार हमें पसंद न हो वह व्यवहार किसी दूसरे के साथ नहीं करना चाहिए। सरकार ने तय किया है कि कोई भी फाइल तीन दिन से ज्यादा किसी भी टेबल पर नहीं रहनी चाहिए। यहां तक कि जब मैं दौरे पर होता हूं तो लौटते ही फाइलें निपटा देता हूं। कोई भी फाइल पेंडिंग नहीं रखी जाती। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया होता तो वे यूपी के हालात इस तरह से नहीं बदल पाते।
संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने नवचयनित युवाओं से कहा कि कल तक आप सरकारी दफ्तरों में जाने पर कर्मचारियों और अधिकारियों से जैसा व्यवहार करते थे, अब आपसे उसी व्यवहार की उम्मीद की जायेगी। दूसरे, लोग अपेक्षा करते हैं कि उनका काम बिना किसी हस्तक्षेप के हो जाये। नियुक्ति पत्र मिलने के बाद आप सामान्य नागरिक नहीं रह जाते हैं। आप पर भी एक जिम्मेदारी है और उसे अच्छे से निभायें। नियुक्ति पारदर्शी तरीके से की गयी है। आज हर कोई चाहता है कि योगी आदित्यनाथ उनके राज्य के मुख्यमंत्री बनें। इस अवसर पर परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने कहा कि पहले नौकरियों की लूट होती थी। आज योग्य युवाओं के घर नौकरियाँ जाती हैं। भर्ती प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ अपनाई गई है। यह तो हुई सरकारी नौकरी की बात, परिवहन विभाग में संविदा कर्मियों की भर्ती में भी ऐसी ही पारदर्शी व्यवस्था अपनाई गई है।
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मुख्यमंत्री ने सौंपा नियुक्ति पत्र
मुख्यमंत्री ने मंच पर दिव्या, रश्मि वर्मा, आशीष, अपर्णा मौर्य, अमित कुमार तिवारी, सचिवालय प्रशासन विभाग के हनुमंत प्रसाद सिंह, वंदना वर्मा, दीप्ति यादव, शैलेन्द्र कुमार रावत को नियुक्ति पत्र सौंपा।
चयनित अभ्यर्थियों ने साझा किये अपने अनुभव
सहायक समीक्षा अधिकारी हनुमंत प्रसाद ने कहा कि मैं पढ़ाई में अच्छा था। कई परीक्षाओं में इंटरव्यू तक गए, लेकिन चयन नहीं हो सका। थक हार कर उन्होंने खेती करना शुरू कर दिया। जब योगी सरकार आई तो मेरे चाचा ने मेरा हौसला बढ़ाया। मैंने फिर से तैयारी शुरू कर दी। धीरे-धीरे परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने लगा। इस सरकार में मैंने चार परीक्षाएं पास की हैं। यह पारदर्शी प्रक्रिया के कारण संभव हो सका। इनके अलावा दीप्ति यादव, अपर्णा मौर्य, अमित कुमार तिवारी समेत अन्य चयनित अभ्यर्थियों ने अपने अनुभव साझा किये।
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