लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तकनीक हमारे कार्य को आसान करता है और पारदर्शिता भी लाता है। हमारे कार्य पर कोई अंगुली नहीं उठा सकता है। तब हम सम्मान का पात्र भी बनते हैं। प्रदेश के 51 जिलों में वितरित किया जाना है। 29 जिलों की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को स्मार्टफोन एवं डिवाइस वितरित किया गया है। सीएम योगी ने लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को एक लाख 23 हजार स्मार्टफोन एवं बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए एक लाख 87 हजार इन्फैंटोमीटर वितरित किये। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हम तकनीक के माध्यम से शासन की प्रत्येक योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने का काम करेंगे। मैं पिछले साढ़े चार सालों से यह लगातार कहता आ रहा हूं कि तकनीक का उपयोग करने के लिए उस तरह के संसाधन भी जरूरी हैं। योजनाओं को अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाने का काम हो सकता है। साढ़े चार साल के दौरान सरकार ने एक लम्बी दूरी तय की है। आज उत्तर प्रदेश के बारे में लोगों की धारणा बदली है, देश की भी और दुनिया की भी। हर एक विभाग ने कुछ ना कुछ नया और अच्छा किया है। आज का यह कार्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण है। सामान्य रूप से यह पहले के लिए स्मार्टफोन वितरण या डिवाइस वितरण का कार्यक्रम हो सकता है लेकिन इसकी गूंज सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करने में मील का पत्थर साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि याद कीजिए आज के चार साल पहले की क्या स्थिति थी। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को देखकर हम लोग भय खाते थे कि कहां धरना प्रदर्शन शुरू कर देंगी। लेकिन आज इनका वह भय दूर हुआ है। यह भी भय खाती थीं और हम भी खाते थे। इन्हें जो लोग पहले गलत निगाहों से देखते थे, आज सम्मान की नजरों से देख रहे हैं। मैंने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का काम बहुत करीब से देखा है। व्यक्ति कितना भी अच्छा विज्ञापन छपवा ले लेकिन उसका सही आंकलन विपत्ति के समय ही किया जा सकता है। जो लोग राष्ट्र के काम न आ सके उनकी योग्यता बेकार है। कोरोना जैसी विपत्ति में मीडिया एक समय में यूपी पर फोकस था। कोरोना सब जगह था। देश के अन्य राज्यों में और दुनिया के तमाम विकसित देशों में भी कोरोना था लेकिन यूपी पर कुछ ज्यादा ही फोकस था। लोगों को यूपी से ज्यादा उम्मीदें भी थीं।
इंसेफेलाइटिस को लेकर विपक्ष पर हमला
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश में कोरोना से कैसे लड़ाई लड़ी गई। उन्होंने कहा कि मैं आंगनबाड़ी, आशा बहू और एएनएम की ताकत को समझता हूं। 1977 से लेकर 2017 तक उत्तर प्रदेश के सात जिलों में जैपनीज एन्सेफेलाइटिस से मौत होती थी। इन 20 सालों में गोरखपुर की सूचना लखनऊ तक नहीं पहुंच पाई थी। 1998 में जब मैं सांसद बना तो फिर लोगों के बीच गया। डाक्टरों, लोगों से पूछा कि यह कौन सी बीमारी है। इस पर भी हमारी सरकार ने काम किया। जब इंसेफलाइटिस जैसी बीमारी नियंत्रित करने में सफलता मिली है। 95 से 97 फीसदी मौत को रोका जा चुका है। दुनिया के लिए यह अपने आप में एक मॉडल है। इसके बाद कोविड का नियंत्रण करने में सफलता मिली। जिसके लिए सभी आंगनवाड़ी, आशा वर्कर और एएनएम की तारीफ होनी चाहिए। अगर कोई अच्छा काम करता है तो उसकी तारीफ होनी चाहिए। काम करने से कोई भी व्यक्ति न तो शारीरिक रूप से कमजोर होता है और न ही मानसिक रूप से। योगी ने कहा कि मुझे आप सब पर विश्वास था कि हेल्थ वर्कर के साथ मिलकर के हम कोरोना को नियंत्रित कर लेंगे। हम लोग सफल भी हुए।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने व्यवस्था बदली है। हर जनपद में किसी भी कुपोषित बच्चे के लिए और किसी भी गर्भवती महिला के लिए किस प्रकार से पोषाहार चाहिए, उसको वहीं जिले में ही तैयार करने के लिए संयंत्र स्थापित हो रहे हैं। उसकी क्वालिटी की जांच करने की भी व्यवस्था की गई है। यह बहुत बड़ा क्रांतिकारी कदम है। अगले चार-पांच वर्षो के अंदर परिणाम दिखेेंगे। मातृ और शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित करने में मदद मिल मिलेगी। यह देश के अंदर उत्तर प्रदेश को अग्रणी राज्यों में लाकर खड़ा कर देगा। इसका श्रेय विभाग के साथ-साथ आंगनबाड़ी को भी मिलेगा। दवा का बड़ा खर्चा भी सरकार का बचेगा। आज स्मार्टफोन वितरण किया जा रहा है। यह आंगनवाड़ी के कार्य को और आसान करेगा, कार्य को स्मार्ट बनाएगा। स्मार्टनेस ही आपकी पहचान होनी चाहिए। हम अपनी कार्य पद्धति से प्रशासन का, विभाग का और शासन का विश्वास जीते हैं। अपनी कार्य पद्धति के माध्यम से साबित करें कि हम लोग कर सकते हैं। पिछले माह पोषण माह के दौरान भी हम लोग एकत्र हुए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग ने उस पर काम किया है। जल्द ही उनके मानदेय में भी बढ़ोत्तरी की जाएगी। सर्वांगीण विकास की नीव आंगनवाड़ी रख रही हैं। हर एक आंगनबाड़ी केंद्र को प्री प्राइमरी के रूप में कैसे विकसित किया जा सकता है, इस पर भी सरकार काम कर रही है।
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