चंडीगढ़ः पंजाब कांग्रेस में फिर से घमासान शुरू हो गया है। वहीं मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की कुर्सी पर संकट के ‘बादल’ मंडरा रहे हैं। दरअसल सीएम अमरिंदर सिंह के खिलाफ 40 विधायकों के मोर्चा खोलने के बाद पार्टी ने शनिवार को विधायक दल की बैठक बुलाई है। ये बैठक शाम 5 बजे होनी है। वहीं, कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने खेमे के करीब 24 विधायकों के साथ बैठक कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो कैप्टन अमरिंदर सिंह विधायक दल की बैठक में नहीं शामिल होंगे। बैठक के बाद 4.30 बजे कैप्टन अमरिंदर सिंह राज्यपाल से मुलाकात कर सकते हैं। ऐसे में अब उनके इस्तीफे की अटकलें तेज हो गई हैं।
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40 विधायकों अमरिंदर को बदलने की थी मांग
बता दें कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को एक तरफ करते हुए शुक्रवार की रात करीब 11.30 बजे पार्टी प्रभारी ने शनिवार की शाम पांच बजे विधायक दल की बैठक बुला ली। इससे पहले गुरुवार को कांग्रेस के 40 विधायकों ने हाईकमान को एक पत्र लिखकर अमरिंदर को बदलने की मांग की थी। शनिवार को पंजाब में तेजी से राजनीतिक घटनाक्रम बदलते रहे। सुबह होते ही सभी विधायकों ने अपना रुख चंडीगढ़ की तरफ कर लिया। दोपहर होते होते पंजाब कांग्रेस के विधायक कांग्रेस भवन पहुंचने शुरू हो गए। इस बीच हाईकमान द्वारा नियुक्त किए गए पर्यवेक्षक अजय माकन तथा हरीश चौधरी, पार्टी प्रभारी हरीश रावत के साथ चंडीगढ़ पहुंचे।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिद्धू तथा कार्यकारी प्रधान कुलजीत सिंह नागरा उन्हें लेने के लिए हवाई अड्डे पर पहुंचे। इस बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सामान्य दिनों की भांति सीसवां स्थित अपने फार्म हाउस पर थे। अमरिंदर सिंह से इस्तीफा लिए जाने की खबरों के बीच उन्होंने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ तथा आनंदपुर साहिब के सांसद मनीष तिवारी के साथ फोन पर बात की। अमरिंदर ने हाईकमान को यह संदेश भी पहुंचाया कि अगर उन्हें बदला गया तो वह कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे सकते हैं।
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