नई दिल्ली: चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भले ही मॉस्को में भारतीय समकक्ष डॉ एस. जयशंकर के साथ द्विपक्षीय वार्ता करके मतभेदों को विवाद न बनने देने पर सहमति जताई हो, लेकिन सीमा पर चीनी सेना ने किसी युद्ध जैसी तैयारियां तेज कर दी हैं। अब चीन ने एलएसी के आसपास रॉकेट, मिसाइल से लेकर तोप और फाइटर जेट की तैनाती कर दी है। यही वजह है कि जब भारतीय विदेश मंत्री ने अपने चीनी समकक्ष से पूछा कि अगर बातचीत से समस्या का हल निकालने की ईमानदार मंशा है तो फिर सीमा पर सैनिकों और हथियारों का जमावड़ा क्यों हो रहा है, लेकिन चीनी मंत्री इसका जवाब नहीं दे सके। इसीलिए हालिया बातचीत के बाद भी भारत एलएसी पर सतर्क रुख अपना रहा है।
पैंगोन के उत्तरी इलाके की कुछ महत्वपूर्ण सामरिक चोटियों पर कब्जा करने बाद चीन इस गलतफहमी में था कि भारत उसकी सारी शर्तें मानने को मजबूर होगा। इसके उलट भारत ने पहले ही झील के दोनों ओर कई महत्वपूर्ण चोटियों पर मोर्चेबंदी मजबूत कर ली ताकि चीन भविष्य में सामरिक रूप से इन महत्वपूर्ण स्थानों पर भी कब्जा जमाकर भारत को ब्लैकमेल करने की कोशिश नहीं कर पाए। उत्तरी किनारे पर भी उन ऊंची चोटियों पर भारत की तैनाती है जहां से इलाके में चीनी सेना की सारी गतिविधियां साफ दिखाई पड़ती हैं। अभी तक सबसे अधिक ऊंचाई पर बैठे चीनियों को रणनीतिक लाभ मिलता था जिसकी वजह से उन्हें भारत की हर गतिविधि के बारे में जानकारी रहती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं हो पायेगा।
हाल ही में दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों और विदेश मंत्रियों ने रूस में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक से अलग वार्ता करके सीमा पर शांति बहाली पर सहमति जताई है। दूसरी ओर चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर युद्ध जैसी तैयारी शुरू कर दी है। चीन ने 50 हजार सैनिक इस क्षेत्र में तैनात किए हैं। यहां एयरकाफ्ट और मिसाइलों की बड़ी रेंज भी लगा दी गई है। चीन ने यहां सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, रॉकेट फोर्स और 150 फाइटर एयरक्राफ्ट भी तैनात कर रखे हैं। ये सब एलएसी पर हमले की रेंज के अंदर तैनात हैं। चीनी सेना ने लाइट टैंक और इन्फैन्ट्री कॉम्बैट वीइकल सीमा पार भेजने की कोशिश जिन्हें भारतीय सेना ने रोक दिया। अब पीएलए ने इस क्षेत्र में भारी सेना और हथियार तैनात करना तेज कर दिया है। देशभर के हिस्सों से लाकर एयर डिफेंस, सशस्त्र वाहन, पैराट्रूपर, स्पेशल फोर्स और इन्फैन्ट्री को इस क्षेत्र में लगाया गया है।
यह भी पढ़ेंः-पीएम ने 1.75 लाख घरों का किया उद्घाटन, बोले- सही नीयत हमेश साकार होती हैजानकारों का भी कहना है कि चीन के रक्षा मंत्रियों और विदेश मंत्रियों से हुई हालिया बातचीत से बहुत ज्यादा उम्मीदें करना ठीक नहीं होगा बल्कि जब तक एलएसी पर तनाव के मामले में कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आता, तब तक भारत को सतर्क रुख ही अपनाना चाहिए। इसीलिए भारतीय सेना भी चीन के साथ विवादित सीमा पर 100 से अधिक टैंक ले गई है।