उत्तराखंड

जंगल की आग रोकने के लिए मुख्यमंत्री हुए सख्त, दिया ये निर्देश

cm-dhami

देहरादून: जंगलों में आग की घटनाओं से मुख्यमंत्री चिंतित हैं। इसके लिए वह कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। उन्होंने इन घटनाओं पर नियंत्रण के लिए प्रभावी उपायों पर सख्ती से काम करने के निर्देश दिए हैं। बुधवार को रुद्रप्रयाग पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जंगल की आग रोकने के लिए फायर लाइन बनाना जरूरी है। इसी व्यवस्था के तहत उन्होंने रुद्रप्रयाग पहुंचकर जंगल में बिखरी पिरूल की पत्तियां एकत्र कीं और लोगों को अपने साथ जुड़ने का संदेश दिया। जंगलों में आग लगने का सबसे बड़ा कारण पिरूल की सूखी पत्तियां हैं।

सीएम ने लोगों से किया ये  आग्रह

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी लोगों से आग्रह किया है कि वे अपने आसपास के जंगलों को बचाने के लिए युवक मंगल दल, महिला मंगल दल और स्वयं सहायता समूहों के साथ मिलकर इस अभियान को बड़े पैमाने पर चलाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि सरकार जंगल की आग को रोकने के लिए 'पिरूल लाओ-पैसे पाओ' मिशन पर भी काम कर रही है।

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वनाग्नि को रोकने के लिए किया जाएगा ये काम

इस मिशन के तहत वनाग्नि को कम करने के उद्देश्य से पिरूल संग्रहण केन्द्र पर 50 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से पिरूल खरीदा जायेगा। इस मिशन का संचालन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा किया जाएगा, इसके लिए 50 करोड़ रुपये का कॉर्पस फंड अलग से रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह स्वयं, उनके सहयोगी और पार्टी कार्यकर्ता भी जंगल की आग को रोकने के लिए ठोस और प्रभावी पहल करेंगे और आग को रोकने के लिए जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे।

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