नई दिल्ली: वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की आज होने वाली 42वीं बैठक को लेकर सरकार को निशाने पर लिया है। उनका कहना है कि जीएसटी काउंसिल की बैठक के नतीजे केंद्र सरकार की कानून और उसके वादों के पालन के लिए एक परीक्षा होगी। आज की बैठक में चालू वित्त वर्ष में जीएसटी रेवेन्यू शॉर्टफॉल पर चर्चा होगी, जिसमें मुआवजा-भुगतान के मुद्दे पर गैर-भाजपा शासित राज्य हंगामा कर सकते हैं।
पी. चिदंबरम ने कहा है कि जीएसटी को लेकर सरकार के इस नए प्रयोग में दो कमिया हैं, जो जीएसटी मुआवजा घाटा और ट्रस्ट घाटा है। ऐसे में सरकार के पास इन घाटों को कैसे कम किया जाए इसका कोई सुराग नहीं है। ऐसे में स्पष्ट है कि सरकार पूरे मुद्दे पर गोल-मोल करे और फिर राज्यों को भी किसी प्रकार से भरपाई के लिए जिम्मेदार ठहराए।
इस दौरान कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि राज्यों को केंद्र द्वारा पेश किए गए दो अर्थहीन विकल्पों की अस्वीकृति पर दृढ़ रहना चाहिए। साथ ही जोर देना चाहिए कि केंद्र को धनराशि का पता लगाना चाहिए और प्रस्तावित मुआवजे का भुगतान करना चाहिए।
यह भी पढ़ेंः-कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार के 15 ठिकानों पर SBI का छापा, लगे ये आरोपदरअसल, बीते 27 अगस्त को हुई काउंसिल की बैठक में चालू वित्त वर्ष में जीएसटी रेवेन्यू में 2.35 लाख करोड़ रुपये के शॉर्टफॉल का अनुमान जताया गया था। इसमें 97 हजार करोड़ रुपये जीएसटी इम्प्लीमेंटेशन और 1.38 लाख करोड़ रुपये राज्यों के रेवेन्यू के शामिल हैं। इस रेवेन्यू शॉर्टफॉल की भरपाई के लिए केंद्र ने दो विकल्प दिए थे। पहले विकल्प के तहत राज्य आरबीआई से विशेष विंडो के तहत 97 हजार करोड़ रुपये उधार ले सकते हैं। दूसरे विकल्प के तहत केंद्र 2.35 लाख करोड़ रुपये बाजार से उधार लेकर राज्यों की दे।