श्रीनगर: राजौरी जिले के राजौरी चिकरी वुड क्राफ्ट (Rajouri Chikri Wood Craft) और अनंतनाग जिले के मुश्कबुदजी चावल को जीआई टैग प्राप्त हुआ है। हस्तशिल्प विभाग के परामर्श से नाबार्ड द्वारा नौ उत्पादों की जीआई टैगिंग की प्रक्रिया शुरू की गई थी।
चिकोरी एक पीली, शहद के रंग की, महीन दाने वाली नरम लकड़ी है जो जम्मू प्रांत के राजौरी जिले की पहाड़ी श्रृंखलाओं में पाई जाती है। राजौरी की चिकरी लकड़ी (Rajouri Chikri Wood Craft) की कारीगरी जटिल नक्काशी और विवरण की विशेषता है। इसी तरह, मुश्कबुदजी चावल छोटे मोटे सुगंधित चावल की एक प्रीमियम किस्म है, जो कश्मीर घाटी के ऊंचे इलाकों, खासकर अनंतनाग जिले में उगाया जाता है। पका हुआ मुश्कबुदजी चावल अद्वितीय है और इसमें स्वाद, सुगंध और समृद्ध ऑर्गेनोलेप्टिक गुणों का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण है।
ये भी पढ़ें..Article 370 हटने की चौथी वर्षगांठ पर महबूबा मुफ्ती समेत अन्य नेता नजरबंद, PDP...
उल्लेखनीय है कि जीआई टैगिंग के बाद, केवल अधिकृत उपयोगकर्ता को ही इन उत्पादों के संबंध में भौगोलिक संकेत का उपयोग करने का विशेष अधिकार है। इससे इसके भौगोलिक क्षेत्र से बाहर कोई इसकी नकल नहीं कर सकता। जीआई टैगिंग से इन पंजीकृत भौगोलिक संकेत वस्तुओं के अनधिकृत उपयोग को रोका जा सकेगा, निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके ब्रांडों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे देश की जीडीपी और उत्पादकों और संबंधित हितधारकों की आर्थिक समृद्धि में योगदान मिलेगा।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)