उत्तर प्रदेश राजनीति

चौधरी चरण सिंह के गांव पहुंचे भाजपा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल, कही ये बात

Chaudhary Charan Singh
Chaudhary Charan Singh, हापुड़: आज किसानों के मसीहा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह (Former Prime Minister Chaudhary Charan Singh) की जयंती के अवसर पर भाजपा के हापुड़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजेंद्र अग्रवाल, जिला अध्यक्ष नरेश तोमर, हापुड़ विधायक विजयपाल आदती और गढ़ विधायक हरेंद्र तेवतिया उनके जन्मस्थान गांव नूरपुर पहुंचे। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद सांसद पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पैतृक गांव नूरपुर पहुंचे, जहां उन्होंने चौधरी चरण सिंह का माल्यार्पण किया और उसके बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उनका जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। आजादी के समय उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया।

किसानों के शोषण के खिलाफ लड़ते रहे चरण सिंह

इस दौरान उन्होंने बरेली जेल से किताबों के रूप में दो डायरियां भी लिखीं। आजादी के बाद वह राम मनोहर लोहिया के ग्रामीण सुधार आंदोलन में शामिल हो गये। प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने कई ऐसे फैसले लिए जिससे भारत की गरीब जनता और किसानों को काफी फायदा हुआ। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों को हमेशा लोगों के प्रति सही भावना और ईमानदारी से काम करने का निर्देश दिया। काली मिट्टी की झोपड़ियों और फूस की छतों वाला नूरपुर मधैया में 23 दिसंबर 1902 को एक महान व्यक्तित्व का जन्म हुआ। चरण सिंह जीवन भर गांव-गरीब और किसानों के शोषण के खिलाफ लड़ते रहे। 1928 में आगरा विश्वविद्यालय से कानून की शिक्षा लेने के बाद चौधरी चरण सिंह ने ईमानदारी, स्पष्टवादिता और कर्तव्यनिष्ठा के साथ गाजियाबाद में वकालत शुरू की। वकालत जैसे पेशेवर पेशे में भी चौधरी चरण सिंह केवल उन्हीं मुकदमों को स्वीकार करते थे जिनमें मुवक्किल का पक्ष निष्पक्ष होता था। 1930 में महात्मा गांधी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन के हिस्से के रूप में नमक कानून तोड़ने का आह्वान किया। गांधीजी ने "दांडी मार्च" किया था। आजादी के दीवाने चरण सिंह ने गाजियाबाद की सीमा पर बहने वाली हिंडन नदी पर नमक बनाया।

गांवों में बनाया क्रांतिकारी संगठन

परिणामस्वरूप Chaudhary Charan Singh को 6 माह कारावास की सजा सुनाई गई। जेल से लौटने के बाद चरण सिंह ने खुद को पूरी तरह से महात्मा गांधी के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि 1940 में अपने व्यक्तिगत सत्याग्रह के दौरान चरण सिंह को भी गिरफ्तार किया गया था और अक्टूबर 1941 में रिहा कर दिया गया था। इस समय पूरे देश में असंतोष था। महात्मा गांधी ने करो या मरो का आह्वान किया था। अंग्रेजों के भारत छोड़ने की आवाज पूरे भारत में गूंजने लगी। 9 अगस्त 1942 को अगस्त क्रांति के माहौल में युवा चरण सिंह भूमिगत हो गये और उन्होंने गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, मवाना, सरथाना, बुलन्दशहर के गांवों में एक गुप्त क्रांतिकारी संगठन बनाया। मेरठ कमिश्नरी में युवा चरण सिंह ने अपने क्रांतिकारी साथियों के साथ मिलकर ब्रिटिश सरकार को बार-बार चुनौती दी। जेल में ही लिखी गई चौधरी चरण सिंह की पुस्तक "शिष्टाचार" भारतीय संस्कृति और समाज के शिष्टाचार के नियमों पर एक मूल्यवान दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि ऐसे महान व्यक्तित्व, जिन्होंने सदैव देश की सेवा की, गरीबों की सेवा की, किसानों की सेवा की, आज भी उन्हें विपक्षी दलों से वह सम्मान नहीं मिला जिसके वे वास्तव में हकदार थे, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने उनके सपने को सही ढंग से पूरा किया। इसे साकार करने का काम प्रधानमंत्री मोदी ने किया जो हमेशा किसानों के कल्याण के लिए काम करने में लगे रहते हैं। यह भी पढ़ेंः-भारत को एकसूत्र में पिरोएगा ‘अयोध्या उत्सव’, बहेगी भक्ति की रसधार इस अवसर पर जिला महामंत्री श्याम इंदर त्यागी पुनीत गोयल, राजीव सिरोही ग्राम प्रधान नूरपुर राहुल चौधरी, महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष डॉ. पायल गुप्ता, जिला महामंत्री संगीता मित्तल, मनोरमा रघुवंशी, छवि दीक्षित, यशोदा शर्मा, रीना गर्ग, रुचि विश्वकर्मा, शशि गोयल, अनिरुद्ध कस्तला, शैलेन्द्र राणावत, जतिन साहनी जयभगवान शर्मा सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे। रिपोर्ट- सुनील गिरि, हापुड़ (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)