मध्य प्रदेश फीचर्ड राजनीति

पूर्व CM दिग्विजय सिंह की बढ़ सकती हैं मुश्किल, संसद सदस्यता पर मंडराया खतरा, जानें वजह...

digvijay Former Chief Minister again asked for proof of surgical strike
digvijay-singh भोपालः राहुल गांधी के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम व कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह (digvijay singh) की संसद सदस्यता पर खतरा मंडराने लगा है। क्योंकि भोपाल कोर्ट ने मानहानि के मामले में दिग्विजय सिंह के खिलाफ आरोप तय किए हैं। यह मानहानि का केस बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष व खजुराहो सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने किया गया था। इस केस की अगली सुनवाई अब 1 जुलाई को होगी। दरअसल पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह (digvijay singh) ने जुलाई 2014 में तत्कालीन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के महासचिव विष्णु दत्त शर्मा पर RSS और व्यापमं के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करने का आरोप लगाते हुए एक बयान दिया था। इसको लेकर शर्मा ने केस दर्ज कराया है। दिग्विजय सिंह के खिलाफ धारा 500 के तहत मामला दर्ज किया गया था। ये भी पढ़ें..Uttarakhand: पंचतत्व में विलीन हुए कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार शर्मा ने अपनी शिकायत में कहा था कि सिंह ने इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के सामने उन पर आरोप लगाया था कि शर्मा एबीवीपी के महासचिव रह चुके हैं, उन्होंने RSS और व्यापमं के बीच बिचौलिए का काम किया था, जो अखबारों में प्रकाशित हुआ था। इसे आम लोगों ने पढ़ा और जिस कारण जनता के बीच उनकी छवि खराब हुई। भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने बताया है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष शर्मा द्वारा दायर मानहानि के मामले में दिग्विजय सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत आरोप तय किए गए हैं। उन्होंने बताया है कि दिग्विजय सिंह ने शर्मा पर झूठे आरोप लगाए थे, जबकि शर्मा न तो किसी एजेंसी में पूछताछ के लिए गए हैं और न ही व्यापमं के मामले से उनका कोई लेना-देना नही न ही उन्हें कोई समन मिला है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)