लखनऊः मौसम में आये बदलाव से सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में फ्लू से प्रभावित मरीजों की संख्या बढ़ी है। ओपीडी में मरीजों एवं उनके परिजनों की खासा भीड़ है। फ्लू से सभी आयु वर्ग के लोग चपेट में आ रहे हैं। श्यामा प्रसाद मुखर्जी मंडलीय चिकित्सालय (सिविल अस्पताल) में फ्लू के लक्षणों में जैसे खांसी, जुकाम, सिरदर्द, बुखार के मरीजों के पहुंचने पर उनका उपचार किया जा रहा है। अस्पताल की ओपीडी में बैठकर डाॅक्टर प्रतिदिन सौ से ज्यादा मरीजों को देख रहे हैं।
बलरामपुर अस्पताल में इमरजेंसी सेवा में तैनात डाॅ. सर्वेश सिंह ने कहा कि अस्पताल शहर के मध्य में होने के कारण यहां रोजाना हजारों मरीजों का आना होता है। आजकल फ्लू लक्षण वाले मरीजों की संख्या बढ़ी हुई है। मरीजों को एंटीबायोटिक दवाएं दी जा रही हैं। ये मौससी फ्लू है और तीन से चार दिनों तक मरीज को अपने प्रभाव में रखती है। उन्होंने बताया कि बलरामपुर अस्पताल में प्रतिदिन 20 से 30 मरीज फ्लू से संबंधित आते ही हैं। आजकल ये संख्या 50 से ऊपर हो गयी है। इसके लिये बचाव जरुरी है, घरेलू उपचार करते हुए फ्लू के चपेट में आने से बचा जा सकता है।
यह भी पढ़ेंःसीएम योगी ने 6,696 शिक्षकों को दिए नियुक्ति पत्र, बोले-भर्ती प्रक्रिया को कलंकित करने वालों की खैर नहींलोहिया अस्पताल के डाॅक्टर विक्रम ने बताया कि मौसमी फ्लू से बचाव के लिए स्वच्छ जल का उपयोग सर्वाधिक जरूरी है। स्वच्छ जल पीने से, हाथों को धोते रहने से और मुंह को ढक कर रखने से फ्लू से बचा जा सकता है। ये सामान्य तौर सभी को प्रतिदिन करना चाहिये, जिससे किसी प्रकार के फ्लू को शरीर में जाने से रोका जा सके। बता दें कि इन दिनों हो रही बरसात से जल भराव की समस्या सामने आयी है। घर के आसपास, छतों पर रखे पुराने सामान में पानी भरने के बाद उसमें मच्छरों के पनपने से डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ा है। ज्यादातर डाॅक्टरों ने वर्षा के जल को एकत्रित न होने देने और आवास के आसपास स्वच्छता रखने के लिये भी निर्देशित किया है।