Champai Soren Oath, रांचीः करीब तीन दिनों तक चले हाईवोल्टेज सियासी ड्रामे के बाद आखिरकार झारखंड में नई सरकार पर छाया कुहासा छंट गया है। झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन के नेता चंपई सोरेन ने झारखंड के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है।
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने 68 वर्षीय चंपई सोरेन को झारखंड के 12वें सीएम पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके अलावा, कांग्रेस कोटे से आलमगीर आलम और राजद कोटे से सत्यानंद भोक्ता ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली। हालांकि नई सरकार को 10 दिन में बहुमत साबित करना होगा। चंपई सोरेन ने सात बार के विधायक हैं। वे पहली बार 1991 में सरायकेला से उपचुनाव जीता था। चंपई सोरेन हेमंत कैबिनेट में दूसरी बार मंत्री बनाए गए थे।
इससे पहले झारखंड के राज्यपाल ने चंपई सोरेन को राज्य का नया मुख्यमंत्री नियुक्त किया था। गुरुवार रात करीब 11.30 बजे उन्हें राजभवन बुलाया गया और नामांकन पत्र सौंपा गया। चंपई सोरेन (
Champai Soren) के साथ दो अन्य मंत्रियों के रूप में कांग्रेस के आलमगीर आलम और राजद के सत्यानंद भोक्ता के शपथ लेने की संभावना है। शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में होगा। राज्यपाल ने नए मुख्यमंत्री को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए दस दिन का समय दिया है।
43 विधायकों का हस्ताक्षरित पत्र राज्यपाल को सौंपा
गौरतलब है कि ईडी द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बाद हेमंत सोरेन ने बुधवार रात करीब साढ़े आठ बजे सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके तुरंत बाद चंपई सोरेन ने 43 विधायकों का हस्ताक्षरित पत्र राज्यपाल को सौंपा और सरकार बनाने का दावा पेश किया। उन्होंने कहा था कि हमारे पास कुल 47 विधायकों का समर्थन है।
राज्यपाल द्वारा फैसले में देरी के कारण चंपई सोरेन ने गुरुवार शाम 5:30 बजे राज्यपाल से मुलाकात की और एक बार फिर सरकार बनाने का दावा पेश किया और उनसे सीएम पद की शपथ दिलाने का अनुरोध किया। इसके बाद देर रात राजभवन से चंपई सोरन को बुलाया गया और उन्हें सीएम पद के लिए मनोनयन का पत्र सौंपा गया।
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हेमंत सोरेन के सबसे भरोसेमंद नेता
चंपई सोरेन हेमंत सोरेन की सरकार में परिवहन मंत्री थे। 68 वर्षीय चंपई कोल्हान प्रमंडल के सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वे हेमंत सोरेन के सबसे भरोसेमंद व्यक्ति माने जाते हैं। चंपई सोरेन झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के करीबी रहे हैं। कई मौकों पर सीएम हेमंत सोरेन को उनके पैर छूते हुए भी देखा गया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि झामुमो में उनकी कितनी अहमियत है।
Champai Soren: झारखंड टाइगर के नाम से मशहूर
चंपई सोरेन को लोग झारखंड टाइगर भी कहते हैं। चंपई ने 1991 में पहली बार सरायकेला विधानसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी। वह जीत इसलिए बड़ी थी क्योंकि उन्होंने झामुमो के ताकतवर सांसद कृष्णा मार्डी की पत्नी को हराया था। बाद में 1995 में जेएमएम के टिकट पर जीत हासिल की। लेकिन साल 2000 में वह बीजेपी के अनंतराम टुडू से चुनाव हार गये।
इसके बाद वह 2005 से लगातार सरायकेला से विधायक हैं। 2019 में उन्होंने बीजेपी के गणेश महली को हराया। चंपई सोरेन का जन्म 1956 में सेमल सोरेन और माधव सोरेन के घर जिलिंगगोड़ा, सरायकेला में हुआ था। वह अपने तीन भाइयों और एक बहन में सबसे बड़े हैं। शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो वह मैट्रिक पास हैं। उनका विवाह मानको सोरेन से हुआ और उनके चार बेटे और तीन बेटियां हैं।
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