कोंडागांव (CG): छत्तीसगढ़ का नक्सल प्रभावित जिला कोंडागांव अपने आप में अमूल्य सांस्कृतिक और पारंपरिक कलाओं के साथ-साथ ढेर सारी प्राकृतिक संपदा को समेटे हुए है। यहां की संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य अपने आप में अनोखा है। पहले पूरी दुनिया इन सभी संसाधनों से अनजान थी।
जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन द्वारा जिले में मावा कोंडानार पर्यटन सर्किट विकसित किया गया है। इस सर्किट के निर्माण से जिले में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है। जहां एक साल में एक लाख से ज्यादा लोग टाटामारी के मनोरम दृश्यों का आनंद ले चुके हैं। विदेश से आए 50 से अधिक पर्यटक यहां की खूबसूरती का आनंद ले चुके हैं।
फ्रांस की पर्यटक क्लेयर ने बताया कि वह टाटामारी और कोंडागांव दो बार आ चुकी हैं। जब वे अपने दोस्तों के साथ पहली बार यहां आईं तो उन्हें यहां की प्राकृतिक सुंदरता इतनी पसंद आई कि उन्होंने अपनी मां को इसके बारे में बताया तो वह भी मेरे साथ कोंडागांव घूमने आईं।
'आदिम परंपरा और सादगी पसंद आई'
फ्रांस के ही अल्बाने और गेल ने बताया कि वे पहले भी कई जगहों पर घूम चुके हैं लेकिन उन्हें कोंडागांव में यहां के लोगों की आदिम परंपरा और सादगी पसंद आई। आदिवासी लोगों से मिलने और उनकी दिनचर्या को करीब से देखने का मौका मिला।