नई दिल्ली: अपने कार्यालय का एक वर्ष पूरा होने पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने अरुणाचल प्रदेश और असम में चीन की सीमा के साथ सैन्य ठिकानों का दौरा किया। जनरल रावत ने शनिवार को चीन की सीमा पर अग्रिम चौकियों का दौरा करते हुए भरोसा जताया कि भारतीय रक्षा बलों से लड़ने वालों को नष्ट कर दिया जाएगा। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास अरुणाचल में दिबांग वैली और लोहित सेक्टर में वायुसेना के फॉरवर्ड ठिकानों का भी दौरा किया। उन्होंने सेना, वायुसेना, आईटीबीपी और एसएफएफ के जवानों से मिलकर उनका उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि केवल भारतीय सैनिक ही ऐसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सतर्क रह सकते हैं। उन्होंने अपने दौरे के समय सेना, आईटीबीपी और क्षेत्र में तैनात अन्य बलों के सैनिकों से बातचीत करके उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के दिबांग वैली और लोहित सेक्टर में सबसे अधिक वायु-अनुरक्षित पोस्ट का दौरा किया। उन्होंने भारतीय सैनिकों का उच्च मनोबल देखने के बाद कहा कि 'जवानों का बुलंद हौसला देखकर यकीन होता है कि भारतीय सेना से मुकाबला करने वाले टूटकर बर्बाद हो जायेंगे।' सीडीएस ने यह भी टिप्पणी की कि मुझे विश्वास है कि भारतीय रक्षा बलों से लड़ने वालों को नष्ट कर दिया जाएगा। जनरल रावत ने प्रभावी निगरानी बनाए रखने और परिचालन तत्परता बढ़ाने के लिए अपनाए गए अभिनव उपायों के लिए सैनिकों की सराहना की। रक्षा स्टाफ के प्रमुख जनरल बिपिन रावत को अरुणाचल प्रदेश की सैन्य चौकियों का दौरा करते समय वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ स्थिति से अवगत कराया गया। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने यह भी कहा कि केवल भारतीय सैनिक ऐसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सतर्क रह सकते हैं। वे कभी भी सीमाओं की सुरक्षा के लिए कर्तव्य की पुकार से परे जाने को तैयार रहते हैं। उनका यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब चीनी सेना की आक्रामकता से निपटने के लिए भारतीय सेना और वायु सेना लद्दाख और पूर्वोत्तर में आगे की सीमाओं पर तैनात हैं। पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के साथ भारत और चीन इस साल अप्रैल-मई से गतिरोध में हैं। सीडीएस रावत ने लद्दाख सेक्टर में भारतीय सेना के जवाबी कदमों को लागू करने और एलएसी पर अन्य जगहों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।