उत्तर प्रदेश

बुंदेलखंड की बदली तस्वीर, खेतों को मिल रहा पर्याप्त पानी

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश में जलशक्ति मंत्रालय के लघु सिंचाई विभाग ने बुंदेलखड (Bundelkhand) की सूरत बदली है। नए-नए चेकडैम बनने से खेती को पर्याप्त पानी मिलने लगा है। पानी से लबालब भरे तालाबों से हरियाली की चादर भी बढ़ने लगी है। किसानों को सिंचाई में लाभ मिल रहा है और तालाबों के जीर्णोद्धार से पशुओं को पीने का पानी मिलने लगा है। वर्षा जल संचयन का बड़ा स्त्रोत गांव-गांव में बन जाने से जल स्तर में भी सुधार आ रहा है। राज्य सरकार की प्रेरणा से जलशक्ति मंत्रालय बुंदेलखंड (Bundelkhand) पैकेज के तृतीय चरण के कार्य को बड़ी तेजी से पूरा कराने में जुटा है।

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सपा और बसपा की सरकारों में सूखे से ग्रसित रहने वाले बुंदेलखड में सीएम योगी की सरकार ने पीने के पानी से लेकर खेतों की सिंचाई में पानी की उपलब्धता के लिए अभियान छेड़ रखा है। लघु सिंचाई विभाग इस काम को दिन-रात पूरा कराने में जुटा है। सरकार की मंशा को पूरा करते हुए बुंदेलखड में लघु सिंचाई विभाग ने तेज गति से काम किया है। योजना से 317 चेकडैम बनाने का काम पूरा कर लिया गया है। 328 चेकडैम निर्माण का लक्ष्य विभाग को दिया गया जिसमें से अब 11 का निर्माण होना ही शेष बचा है।

विभाग ने यहां 238 में से 218 तालाबों का जीर्णोद्धार भी करा दिया है। बचे 20 तालाबों के जीर्णोद्धार का काम भी तेजी से किया जा रहा है। चेकडैम का निर्माण मिट्टी कटाव को रोकने के साथ सूखे क्षेत्र में जीवन रक्षक के रूप में काम करता है। जहां चेकडैम का निर्माण हो चुका है वहां खेतों को पर्याप्त पानी मिलने के साथ ही पेयजल की समस्या में भी कमी आई है। अब सरकार इन चेकडैमों के आसपास वृक्षारोपण भी कराने की योजना तैयार कर रही है।

सरकार की मंशा बुंदेलखड को मॉडल रूप में प्रस्तुत करने की है। ऐसे में बुंदेलखड के 07 जिलों में चेकडैम और तालाबों के जीर्णोद्धार का काम बड़ी तेजी से किया जा रहा है। तालाबों के निर्माण से बुंदेलखड के गांवों में पशुओं का पीने का पानी मिल रहा है। वहीं तालाब भूजल स्तर सुधार में भी उपयोगी साबित हो रहे हैं। सूखे से हरियाली की ओर अग्रसर बुंदेलखंड में सरकार की योजना से काफी लाभ मिल रहा है। अब यहां गांव में खेतों में पर्याप्त मात्रा में पानी मिलने से किसानों के चेहरों पर मुस्कान खिल रही है। पेयजल मिलने से उनके जीवन में काफी बदलाव आया है।

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