नई दिल्लीः मुंबई के नेवल डाक यार्ड में मंगलवार देर शाम युद्धपोत INS रणवीर के अंदरूनी हिस्से में हुए विस्फोट में तीन नौसैनिकों की मौत हो गई और 11 जवान हताहत हुए हैं। विस्फोट के बाद आग लगने से गंभीर रूप से झुलसे नौसैनिकों को स्थानीय नेवल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। विस्फोट के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है। घटना के कारणों का पता लगाने के लिए बोर्ड ऑफ इन्क्वायरी का गठन कर दिया गया है।
नौसेना ने एक बयान में बताया कि नेवल डॉकयार्ड मुंबई पर आईएनएस रणवीर के एक आंतरिक कंपार्टमेंट में विस्फोट हुआ जिससे जहाज में आग लग गई। हालांकि, जहाज के चालक दल ने तुरंत आग पर काबू पा लिया लेकिन इस दुर्घटना में नौसेना के 3 कर्मियों की जान चली गई। तत्काल बचाव कार्य शुरू होने से जहाज को कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुंचा है।
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मौजूदा नौसेना प्रमुख रह चुके हैं युद्धपोत के प्रभारी
आईएनएस रणवीर मूलतः पूर्वी तट (वाइजैग) पर तैनात रहनेवाला युद्धपोत है। यह नवंबर, 2021 से मुंबई में तैनात था और जल्दी ही इसकी वापसी होनी थी। एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने कहा कि पीड़ित परिवारों को जानकारी देने के बाद हताहत नौसैनिकों की पहचान सार्वजनिक कर दी जाएगी। जहाज का निर्माण पूर्व के सोवियत संघ में हुआ था। मौजूदा नौसेना प्रमुख आर. हरिकुमार भी इस पोत के प्रभारी रह चुके हैं। विस्फोट में घायल हुए नौसैनिकों को इलाज के लिए INS अश्विनी अस्पताल में भर्ती किया गया है। साथ ही मृतकों के संबंध में अभी तक कोई जानकारी नहीं दी है।
घातक विस्फोटक हथियारों से लैस है युद्धपोत
राजपूत श्रेणी के पांच विध्वंसकों में से चौथा INS रणवीर 28 अक्टूबर, 1986 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। यह 30 अधिकारियों और 310 नाविकों के एक दल द्वारा संचालित किया जाता है।आईएनएस रणवीर में ऑन-बोर्ड हथियारों में सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, विमान भेदी और मिसाइल रोधी बंदूकें, टॉरपीडो और पनडुब्बी रोधी राकेट शामिल हैं। नौसेना सूत्रों का कहना है कि इस हादसे के बाद भी पोत पर सुसज्जित हथियार एवं विस्फोटक सुरक्षित हैं और जहाज को बड़ा नुकसान नहीं पहुंचा है।
समुद्री कूटनीति और आतंकवाद का मुकाबला करने में है सक्षम
INS रणवीर की समुद्री भूमिकाओं में तटीय और अपतटीय गश्त, समुद्री रास्तों की निगरानी, समुद्री कूटनीति, आतंकवाद का मुकाबला और समुद्री डकैती विरोधी अभियान शामिल हैं। जहाज कामोव 28 एंटी-सबमरीन हेलीकॉप्टर को संचालित करने में भी सक्षम है, जो जहाज को तटीय और अपतटीय गश्त, संचार की समुद्री लाइनों की निगरानी सहित कई तरह की भूमिका निभाने में सक्षम बनाता है। ''रणवीर'' नाम का अर्थ है युद्ध में लड़ने वाले योद्धाओं की वीरता और पराक्रम।
पहले भी युद्धपोतों पर हुए हैं हादसे
- मुंबई बंदरगाह पर अगस्त 2013 में INS सिंधुरक्षक में हुए धमाके में 18 नौसैनिकों की जान चली गई थी और पनडुब्बी को भारी नुकसान पहुंचा था।
- जून, 2016 में गोवा के पास कारवार नौसेना के बेस पर नौसेना के एयरक्राफ्ट करियर आईएनएस विक्रमादित्य पर रिफिटिंग का काम चल रहा था, तभी एसटीपी सीवेज प्लांट में जहरीली गैस का रिसाव हुआ था। इस हादसे में 2 नौसैनिकों की मौत हुई है और चार को बचा लिया गया था।
- अप्रैल, 2016 में भी नौसेना के डाइविंग शिप आईएनएस निरीक्षक के हेलमेट के अंदर एक बोतल फटने से गंभीर हादसा हो गया था। इस दुर्घटना में तीन नौसैनिक घायल हो गए थे, जबकि गंभीर रूप से घायल एक नौसैनिक के पैर का एक हिस्सा काटना पड़ा था।
- जनवरी, 2016 में नेवी की फास्ट इंटरसैप्टर बोट आग लगने से समुद्र में समा गई थी। हादसे के वक्त बोट में छह नौसैनिक सवार थे लेकिन सभी को बचा लिया गया था।
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