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कांग्रेस के घोषणापत्र पर क्यों लगातार हमलावर है बीजेपी

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लोकसभा चुनाव के दो चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है। तीसरे चरण के लिए प्रचार अभियान जारी है। भाजपा रामलहर और मोदी के करिश्माई नेतृत्व के बल पर अबकी बार चार सौ पार के नारे के साथ आगे बढ़ रही है। भाजपा नेतृत्व अभी तक विपक्ष को परिवारवाद व उनके शासनकाल में किए गये अथाह भ्रष्टाचार और घोटालों की बात करके घेर रहा था। उसके मुस्लिम तुष्टिकरण पर सीधा प्रहार नहीं कर रहा था किन्तु कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र, राहुल गांधी व विपक्ष के नेताओं के कुछ आपत्तिजनक बयानों के बाद नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूरी भाजपा अब कांग्रेस तथा विरोधी दलों के घोर मुस्लिम तुष्टिकरण को लेकर आक्रामक हो गयी है। मोदी ने कांग्रेस के समय में प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह के भाषण और कांग्रेस के घोषणापत्र में किए गए वादों पर चर्चा करते हुए स्वयं कांग्रेस के घोषणापत्र पर मोर्चा खोला।

मनमोहन सिंह के भाषण पर विवाद

भारतीय जनता पार्टी के इतिहास में पहली बार विरोधी दल कांग्रेस के घोषणापत्र को आधार बनाकर उस पर तीखा हमला बोला गया है। स्वाभाविक रूप से कांग्रेस और उसके साथी तिलमिला गए हैं और वह मुख्यधारा तथा सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी पर अमर्यादित शब्दावली का प्रयोग कर रहे हैं। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री मोदी की शिकायत लेकर चुनाव आयोग भी पहुंचा है। उधर भाजपा का प्रतिनिधिमंडल भी राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव आयोग पहुंच गया है।


प्रधानमंत्री मोदी सहित भाजपा के सभी बड़े नेता कांग्रेस के मुस्लिम प्रेम पर एक के बाद एक तीखा प्रहार कर रहे हैं जिससे कांग्रेस तिलमिला गई है। प्रधानमंत्री मोदी एक के बाद एक कांग्रेस की सरकारों में हुए हिन्दू विरोधी घटनाओं, निर्णयों, विवादों को उठा रहे हैं । प्रधानमंत्री ने सबसे पहले राजस्थान की जनसभा में कहा कि, “कांग्रेस की नजर आम लोगों की मेहनत की कमाई पर है, प्रापर्टी पर है महिलाओं के मंगलसूत्र पर है। कांग्रेस ने इरादा जाहिर कर दिया है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो लोगों के घरों, प्रापर्टी और गहनों का सर्वे कराएगी फिर लोगों की कमाई कांग्रेस के पंजे में होगी। कांग्रेस की नजर देश की महिलाओं के गहनों पर है, माताओं- बहनों के मंगलसूत्र पर है, वो उसे छीन लेना चाहती है। कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र में उसके इरादे साफ जाहिर हो रहे हैं। अगर कांग्रेस की सरकार आई तो लोगो के बैंक एकाउंट में झांकेगी, लॉकर खंगालेगी, जमीन -जायदाद का पता लगायेगी और फिर सबकुछ छीनकर उसे घुसपैठियों और ज्यादा बच्चे वालों में बांट देगी। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस यह संपत्ति उन लोगों को बांटेगी जिन्हें मनमोहन सरकार ने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। इस बयान से चुनाव के मैदान में तूफान आ गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस को धार्मिक आधार पर मुस्लिम आरक्षण को लेकर भी घेरा है। उन्होंने बताया कि किस प्रकार से कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में 2004 से 2010 के बीच मुसलमानों को दलितों, पिछड़ों, अति पिछड़ों का हिस्सा काटकर उसमें से ही विशेष आरक्षण देने का भरसक प्रयास किया किंतु न्यायपालिका के हस्तक्षेप से कांग्रेस का यह विकृत पायलट प्रोजेक्ट लागू नहीं हो सका। जबकि अब यही कांग्रेस भारत का संविधान बदलकर दलित, पिछड़ों, अतिपिछड़ों के अधिकारों में कटौती करके मुस्लिम आरक्षण देने की बात कर रही है।

कई मुद्दों पर एक मत नहीं विपक्ष

कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने ही बयानों से फंस जाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी को फुल टॉस गेंद फेंक कर चुनाव के मैदान में चौके-छक्के लगाने का अवसर दे बैठते हैं। राहुल गांधी ने कांग्रेस का घोषणापत्र जारी हो जाने के बाद एक जनसभा में कहा कि, “सत्ता में आने पर वह देश का एक्सरे कर देंगे। दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। पिछड़े, दलित, आदिवासी, गरीब, सामान्य वर्ग के लोगों को पता चल जाएगा कि इस देश में उनकी भागीदारी कितनी है। इसके बाद हम वित्त और संस्थागत सर्वे करेंगे और यह पता लगाएं कि हिंदुस्तान का धन किसके हाथों में है और इस ऐतिहासिक कदम के बाद हम क्रांतिकारी काम शुरू करेंगे।“ इस बयान ने प्रधानमंत्री मोदी को रन बनाने का सुनहरा अवसर दे दिया और वे हिंदुत्व को लेकर आक्रामक हो गए।




इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जो अभी तक केवल अयोध्या, मथुरा, काशी और विरोधी दलों के माफिया प्रेम व कानून व्यवस्था की बात कर रहे थे वो भी बोल पड़े, “कांग्रेस देश में शरिया कानून लागू करना चाहती है लेकिन यह देश संविधान से ही चलेगा शरिया से नहीं। योगी का कहना है कि बीजेपी को मिलने वाल एक- एक वोट कर्फ्यू से मुक्ति और बेटियों की सुरक्षा से गारंटी देता है। वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा का बयान आता है कि कांग्रेस के घोषणापत्र पर पाकिस्तान की छाप है।

कांग्रेस के घोषणापत्र और उसके स्टार प्रचारक के बयानों से तो यह तो स्पष्ट ही था कि अब कांग्रेस पूरी तरह से टुकड़े- टुकडे गैंग और शहरी नक्सलियों के हाथ में चली गयी है लेकिन कन्हैया कुमार को टिकट देकर उसने इस बात को साबित भी कर दिया। एक समय था कि राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी व दादी इंदिरा गांधी ने जातिगत जनगणना को देश के लिए घातक माना था। आज राहुल गांधी उन्हीं के विरुद्ध जाकर जातिगत जनगणना की बात कह रहे हैं। राहुल गांधी की असली मंशा जगजाहिर हो चुकी है।

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एक बात ध्यान देने योग्य यह भी है कि विपक्ष का गठबंधन तो बन गया और उनकी तीन रैलियां भी हो चुकी हैं किंतु उसके पास प्रधानमंत्री कौन बनेगा इस बात को लेकर असमंजस है। विपक्षी दलों के घोषणापत्रों में वैसे तो विरोधाभास है किंतु मुस्लिम तुष्टिकरण के मामले पर सब एक हैं। आज भाजपा को हिंदुत्व पर आक्रामक होने का अवसर किसी ने दिया है तो वह केवल और केवल कांग्रेस व इंडी गठबंधन के नेता ही हैं। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में मुसलमानों से कई वायदे किये हैं जिसमें उसने कहा है कि सत्ता में आने पर फैसले बहुसंख्यकवाद पर नहीं अल्पसंख्यकवाद पर आधारित होंगे।

कांग्रेस “संविधान बचाओ” के नाम पर भाजपा को घेरने का प्रयास कर रही थी किन्तु उसके घोषणापत्र ने उसकी कलई खोल दी और भाजपा को हिंदुत्व की राजनीति करने का अवसर दे दिया । वैसे भी आम नागरिक और भाजपा कार्यकर्ता दोनों ही प्रधानमंत्री मोदी की आक्रामक छवि को अधिक पसंद करते हैं । परिणाम तो चार जून को आएगा किन्तु अभी कांग्रेस बैकफुट पर है।

मृत्युंजय दीक्षित


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