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बिकरू हत्याकांड: घटना में इस्तेमाल किए गए हथियारों पर मिले कई फिंगरप्रिंट्स

Kanpur: Demolition of gangster Vikas Dubey's house, the main accused in the killing of eight police personnel, underway in Kanpur's Bithur on July 4, 2020. In addition to the bulldozing of his residence in Bithur, the Uttar Pradesh police have employed more than 100 teams to raid different areas in search of Vikas Dubey. The Yogi Adityanath government had on Friday announced a reward of Rs 50,000 for anyone giving information about Vikas Dubey. (Photo: IANS)

 

कानपुर: कानपुर के बिकरू हत्याकांड को लेकर फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (एफएसएल) की जांच में सामने आया है कि घटना में इस्तेमाल किए गए हथियारों पर कई लोगों की अंगुलियों के निशान (फिंगरप्रिंट्स) मिले हैं। गैंगस्टर विकास दुबे व उसके साथियों ने 3 जुलाई को आठ पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

एक एफएसएल अधिकारी ने गुरुवार को बताया, "हमने देशी कट्टे के अलावा पिस्तौल, राइफल, सिंगल एंड डबल-बैरल गन समेत दस हथियार बरामद किए थे। इन हथियारों पर एक से ज्यादा लोगों के निशान थे, जिससे पता चलता है कि घटना के दौरान इसका प्रयोग एक से ज्यादा लोगों ने किया था।" हथियारों पर कई फिंगरपिंट्र्स से जांचकर्ताओं के सामने आरोपी के फिंगरप्रिंट से मिलान करना मुश्किल हो जाएगा। इस बीच, कानपुर में जिला अधिकारियों ने दुबे के आठ और साथियों के हथियारों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं।

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बिकरू हत्याकांड के बाद, जिला प्रशासन ने दुबे के करीबी सहयोगियों और परिजनों को जारी 25 हथियारों के लाइसेंस को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। एडीएम (सिटी) अतुल कुमार ने पत्रकारों को बताया कि प्रशासन ने दीपक दुबे, श्रीकांत शुक्ला, रमेश चंद द्विवेदी, राकेश कुमार, रविंदर कुमार, सुरज सिंह और आशुतोष के हथियार लाइसेंस को रद्द कर दिया है। इनमें से सुरज और आशुतोष को छोड़कर सभी बिकरू गांव के रहने वाले हैं।