बिजनौरः उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के कोतवाली देहात इलाके में ग्रामीण आदमखोर घोषित तेंदुए (leopard guldar) के आतंक से डरे हुए हैं। बुधवार शाम को भी तेंदुए ने 70 वर्षीय बुजुर्ग किसान को अपना निवाला बनाया है। तेंदुए के इस हमले से आक्रोशित लोगों ने हरिद्वार-काशीपुर नेशनल हाईवे पर जाम लगाया और आदमखोर घोषित तेंदुए को मारने की मांग की है। अमानगढ़ वन प्रभाग की नजीबाबाद रेंज में तेंदुए की दस्तक से ग्रामीण भयभीत हैं। ग्रामीणों ने तेंदुए के हमले में मारे गए किसान का शव नेशनल हाईवे पर रखकर जाम लगा दिया।
आदमखोर को मारने की मांग को लेकर सड़क पर उतरे ग्रामीण
ग्रामीणों की मांग है कि आदमखोर तेंदुए (leopard guldar) को मार दिया जाए क्योंकि यह कई लोगों की जान ले चुका है। ग्रामीणों ने बताया कि सिकंदरपुर गांव निवासी 70 वर्षीय के ब्रह्मपाल गांव में ही खेती कर अपना जीविकोपार्जन करते थे। बुधवार शाम को किसान के मवेशियों के लिए चारा काटते समय तेंदुए ने अचानक उस पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। ग्रामीणों का कहना है कि किसान पर हमला करने वाला तेंदुआ आदमखोर हो गया है। आदमखोर तेंदुआ यहां कई लोगों पर हमला कर चुका है। जिसमें एक महिला समेत तीन लोगों की जान जा चुकी है।
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वन विभाग ने लिखित में दिया ग्रामीणों को आश्वासन
ग्रामीणों की मांग है कि वन विभाग तेंदुए को तुरंत मार डाले। इसलिए ग्रामीणों ने मांग को लेकर किसान के शव को हाईवे पर रखकर सड़क जाम कर दी। मामले की जानकारी मिलते ही उपजिलाधिकारी नजीबाबाद और एएसपी ग्रामीण मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने उपजिलाधिकारी की एक न सुनी और अपनी मांग पर अड़े रहे।
तीन घंटे बाद भी जब ग्रामीण नहीं माने तो डीएफओ बिजनौर ने वन विभाग के उच्चाधिकारी से बात कर ग्रामीणों को लिखित में आश्वासन दिया कि जल्द ही आदमखोर घोषित तेंदुए को पिंजरे में कैद किया जाएगा। इसके बाद कई ग्रामीणों ने हाईवे खोल दिया। नगीना क्षेत्र में यह इस तरह की तीसरी घटना है। इससे पहले 17 जुलाई को मखवाड़ा गांव में आदमखोर तेंदुए ने 49 साल की महिला को अपना पहला शिकार बनाया था। दूसरी घटना में 27 जुलाई को नगीना क्षेत्र के गांव तेलीपुरा निवासी 20 वर्षीय युवक ने निवाला बना लिया। यहां तेंदुए के हमले में 70 साल के एक बुजुर्ग की मौत हो गई।
आदमखोर ने अब तक कई लोगों को बनाया निवाला
बीते फरवरी महीने से अब तक बिजनौर जिले में आदमखोर गुलदार के आतंक से कई स्थानीय लोगों की जान जा चुकी है, लेकिन अभी तक वह जिले में घूम रहा है और वन विभाग की टीम उसे पकड़ने में सफल साबित नहीं हो सकी है। वन विभाग की टीम ने फरवरी से लेकर जुलाई तक गुलदार के हमले से हुई मौतों के कुछ आंकड़े जारी किए हैं, जिससे पता चलता है कि वह आदमखोर हो चुका है। गुलदार के हमले से अभ तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है।
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