पटनाः बिहार की लोक संस्कृति, सुचिता से आस्था और सूर्योपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ (Chhath Puja) शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है। ग्लोबल हो चुका छठ बिहार से निकलकर देश के विभिन्न राज्यों से होते हुए दुनिया के 25 से भी अधिक देशों में पहुंच गया है। भारतीय समय के अनुसार विभिन्न देशों में अर्ध्य का समय जो हो, लेकिन आज पड़ोसी देश नेपाल से लेकर मलेशिया, अमेरिका, ब्रिटेन, बोस्टन, फ्रांस से लेकर ऑस्ट्रेलिया के सिडनी और मेलबर्न तक इसकी धूम मच गई है। मेलबर्न में दो सौ से अधिक लोग छठ कर रहे हैं। वहां ना केवल तैयारी शुरू हो गई है, बल्कि बिहार में बजने वाले छठ (Chhath Puja) के गीत भी बजने लगे हैं। इस वर्ष भी बिहार झारखंड सभा के बैनर तले मेलबर्न में छठ मनाया जाएगा। जिसमें ना केवल वहां रहने बिहार और भारत वासी उपस्थित होंगे, बल्कि मेलबर्न के सरकार के कई मंत्री भी शामिल होंगे।
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कार्यक्रम की मुख्य आकर्षण होगी पद्मश्री से सम्मानित गायिका मालिनी अवस्थी। मालिनी अवस्थी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए ऑस्ट्रेलिया पहुंच गई है, वे सिडनी एवं मेलबर्न में आयोजित छठ में शामिल होंगी। बिहार झारखंड सभा एवं हिंदू फेडरेशन ऑफ आस्ट्रेलिया के इस कार्यक्रम में बेगूसराय का तनिष्क डायमंड वेबसाइट भी प्रायोजक की भूमिका में है। बिहार झारखंड सभा के अध्यक्ष बेगूसराय निवासी नीरज कुमार दास ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में हम लोगों ने बिहार झारखंड सभा करके ग्रुप बना रखा है।
अध्यक्ष होने के नाते अधिक जिम्मेवारी होती है, हम लोग यहां अपने देश की संस्कृति से जुड़े तमाम पर्व त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। अपने बिहार के लोक आस्था के महापर्व छठ के अवसर पर शनिवार को अपनी परंपरा के अनुसार खरना करेंगे, उसके बाद रविवार को भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया।नीरज कुमार ने बताया कि रविवार को ही देर रात जब भारत में रात का समय होगा तो मेलबर्न में सूर्योदय की बेला होगी और उस समय प्रातः कालीन अर्घ्य देने के साथ चार दिवसीय महापर्व का समापन होगा। इस अवसर पर बिहार झारखंड के सैकड़ों परिवार एकत्रित होकर जब छठ मनाते हैं तो ऑस्ट्रेलिया वासी भी हमारे महापर्व में सहभागी बनते हैं। हिंदी गीत वे लोग भले ही नहीं गा पाते हैं, लेकिन हम लोगों के साथ-साथ वे सब भी शारदा सिन्हा के गाए छठ गीत गुनगुनाते हैं, समझते हैं और आस्था में शरीक होते हैं।
उन्होंने बताया कि पिछले चार वर्षों से मेलबर्न में छठ का नेतृत्व कर रहे उद्योगपति नीरज ने बताया कि प्रकृति के अंतिम स्वरूप और उर्जा का अक्षुण्ण स्रोत सूर्य की आराधना का महापर्व छठ पूजा है। उगते सूर्य की उपासना तो संसार का विधान है, लेकिन हम भारतीय ही अस्ताचल सूर्य की भी आराधना करते हैं और वो भी उगते सूर्य से पहले। अगर उदय का अस्त भौगोलिक नियम है तो अस्त का उदय प्राकृतिक और आध्यात्मिक सत्य। हम बिहार के लोग दुनिया के चाहे जिस भी हिस्से में चले जाएं, अपनी संस्कृति को नहीं भूल सकते हैं।
नीरज के पिता और बेगूसराय भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष जयराम दास भी इस वर्ष छठ में शामिल होने मेलबर्न पहुंचे हुए हैं। उन्होंने बताया कि यूं तो बिहार के इस महापर्व की देश-दुनिया में धूम मची है, चार वर्ष से नीरज मेलबर्न में बिहार की संस्कृति की पताका लहरा रहे हैं। मौके पर वहां सिर्फ बेगूसराय नहीं, बिहार के विभिन्न हिस्सों के लोगों के अलावा बड़ी संख्या में झारखंड, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों के रहने वाले भी वहां छठ मनाते हैं। छठ हमें अपनी संस्कृति और परंपरा को अक्षुण्ण में रखने का संदेश देती है, तभी तो बिहार के लोग जहां कहीं जाते हैं, वहीं पर छठ मनाते हैं।
उल्लेखनीय है कि 2021 में तात्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी बेगूसराय के छठ की चर्चा किया था। बिहार विधानसभा के शताब्दी वर्ष समारोह में शामिल होने आए राष्ट्रपति ने ट्वीट कर कहा था कि छठ-पूजा अब एक ग्लोबल फेस्टिवल बन चुका है। बेगूसराय से बोस्टन तक छठी मैया की पूजा बड़े पैमाने पर की जाती है। यह इस बात का प्रमाण है कि बिहार की संस्कृति ने विश्व स्तर पर अपना स्थान बनाया है।
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