भोपाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में 28 मई को देश की आजादी के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। देश का नया संसद भवन हमारे इतिहास, सांस्कृतिक विरासत, परंपरा और सभ्यता को आधुनिकता से जोड़ने का अनूठा उदाहरण है। प्रधानमंत्री उन 7000 मजदूरों को सम्मानित करेंगे, जिन्होंने रिकॉर्ड समय में इसका निर्माण कराया है। हम सभी देशवासी, देश के 140 करोड़ लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस नए संसद भवन के लिए बहुत-बहुत बधाई देते हैं। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने प्रदेश कार्यालय में मीडिया से चर्चा के दौरान कही।
सांगोल हमारे इतिहास की पहचान है
प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि नए संसद भवन में संगोल की स्थापना की जाएगी, जो न्यायपूर्ण और निष्पक्ष शासन का प्रतीक है, हमारे इतिहास की पहचान है। यह हमारी लोकतांत्रिक स्वतंत्रता का प्रतीक है, हमारे स्वर्णिम इतिहास का हिस्सा है और एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र बनाने के हमारे संकल्प का प्रतीक है। लेकिन हमारे धर्म, अध्यात्म और संस्कृति पर हमला करना कांग्रेस नेतृत्व की आदत रही है। कांग्रेस इसके लिए कुछ भी झूठ बोल सकती है। कांग्रेस इस संगोल को फर्जी बता रही है। इतना ही नहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश उस मठ को भी फर्जी बता रहे हैं, जिसने इस संगोल को नेहरू जी को सौंपा था।
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धर्म संस्कृति का अपमान करना कांग्रेस की आदत है
शर्मा ने कहा कि देश की जनता जानती है कि प्रधानमंत्री मोदी का नाम सम्राट विक्रमादित्य और देवी अहिल्याबाई जैसी शख्सियतों की श्रंखला में आता है जिन्होंने भारत की संस्कृति, धर्म और अध्यात्म को मजबूत करने का काम किया। देश की जनता जानना चाहती है कि कांग्रेस को देश की परंपरा, संस्कृति और सम्मान से इतनी नफरत क्यों है। जनता देख रही है कि कांग्रेस कैसे राष्ट्रहित की जगह निजी स्वार्थ और स्वार्थ की राजनीति कर रही है। एक वंशवादी पार्टी जिस तरह से देश की संस्कृति पर हमला कर रही है, मैं उसकी कड़ी आलोचना करती हूं। देश की संस्कृति पर हुए इस हमले के लिए कांग्रेस को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। इसके साथ ही देश और प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी सांगोल के बारे में क्या सोचते हैं।
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