Bharat Bandh: संयुक्त किसान मोर्चा और केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों की ओर से आज यानी शुक्रवार को भारत बंद आह्वान का फतेहाबाद जिले में मिला-जुला प्रभाव देखने को मिल रहा है। सरकारी कार्यालयों में भी कर्मचारियों की हड़ताल के कारण कामकाज ठप्प रहा। रोडवेज बसों का चक्का जाम रहने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
जिले टोहाना क्षेत्र के गांवों में किसानों ने कई सड़कों को जाम रखा। जाखल में अधिकतर दुकानें बंद रही। जाखल में दोपहर तक हर तरफ सन्नाटा पसरा रहा। फतेहाबाद शहर में बंद का कोई असर नहीं दिखा और पूरा बाजार रोजाना की तरह खुला रहा और आम जनजीवन सामान्य नजर आया। फतेहाबाद में कर्मचारी संगठनों ने सभी विभागों में अपने कार्यालयों के आगे धरना दिया। आज की हड़ताल से छोटे रूटों पर भी रोडवेज बसें नहीं दौड़ी। हालांकि, रोडवेज ने विकल्प के तौर पर बसें तो चला रखी हैं लेकिन यह भी केवल सिरसा व हिसार के लिए ही चल रही हैं।
किसानों ने तहसील स्तर पर किए प्रदर्शन
जिले की सभी तहसीलों पर किसानों, मजदूरों और कर्मचारियों ने विरोध-प्रदर्शन किए और भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। कुलां में संयुक्त मोर्चा की तरफ से जिला संयोजक जगतार सिंह, भट्टू में किसान सभा जिला प्रधान विष्णुदत्त शर्मा, फतेहाबाद में खेत मजदूर यूनियन के जिला सचिव रामकुमार बहबलपुरिया, किसान सभा प्रधान पतराम ढ़ाणी ईशर, रतिया में किसान सभा के जिला सचिव राजेन्द्र प्रसाद बाटू और बीकेयू उग्राहां प्रधान निर्भय सिंह, जाखल में किसान सभा के प्रधान अमर सिंह तलवाड़ा व बीकेयू उग्राहां प्रधान उत्तम सिंह, टोहाना में बीकेयू नैन के जिला प्रधान लाभ सिंह व किसान सभा नेता हमीद समैन तथा भूना में किसान सभा के जिला उपप्रधान रामस्वरूप ढाणी गोपाल के नेतृत्व में प्रदर्शन हुए।
फतेहाबाद में भारत बंद और हड़ताल का मिलाजुला असर, रोडवेज बसों का चक्का जाम
हड़ताल के जरिए से इन मांगों को उठाया
संयुक्त किसान मोर्चा ने मांग की है कि एमएसपी पर फसल खरीद की गारंटी कानून बने। बिजली संशोधन कानून और प्रीपेड स्मार्ट मीटर योजना रद्द हो। लखीमपुर खीरी के शहीद किसानों को न्याय मिले। शहीद हुए किसानों का शहीद स्मारक के लिए जगह दी जाए। बीमा कंपनियों की मनमानी पर रोक लगे, लंबित बीमा क्लेम जारी हों।
ओलावृष्टि से बर्बाद फसलों रबी 2023 का स्पेशल गिरदावरी का मुआवजा जारी हो। जलभराव से खराब हुई कृषि भूमि का सुधार किया जाए। सभी किसानों और मजदूरों को कर्जा मुक्त किया जाए। हरियाणा भूमि अधिग्रहण कानून 2020 में किसान विरोधी प्रावधानों को हटाया जाए। किसान सम्मान निधि को दो गुना किया जाए।
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