मुुरादाबादः भैया दूज का त्यौहार 27 अक्टूबर यानी गुरुवार को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। भाई दूज का पर्व रक्षाबंधन की तरह भाई-बहन के आपसी प्रेम और स्नेह का प्रतीक होता है। भाई दूज के मौके पर बहन भाई के माथे पर टीका करती हैं, कलावा बांधती हैं, आरती उतारती है और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। ये प्रथा सदियों पुरानी है। इस दिन बहन भाई को अपने घर बुलाती हैं और उन्हें अपने घर भोजन कराती हैं। इसके बाद उन्हें सूखा नारियल देकर उनकी सुख-समृद्धि व खुशहाली की कामना करती हैं। पौराणिक मान्यता है कि भाई दूज के दिन बहनों के घर भोजन करने से भाई की उम्र बढ़ती है।
ये भी पढ़ें..छठ पर्व पर घर लौटने वालों के गुड न्यूज, लखनऊ के...
भैया दूज का शुभ मुहूर्त
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 26 अक्टूबर को दोपहर दो बजकर 42 मिनट से शुरू होकर 27 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगी। भाई दूज का शुभ मुहूर्त 27 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 14 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक का है, अर्थात शुभ मुहूर्त की कुल अवधि 33 मिनट तक ही है। लेकिन भैया दूज का टीका बहनें 27 अक्टूबर को सूर्योदय से लेकर दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक कर सकती हैं।
रक्षाबंधन पर राखी न बांध पाएं हो तो भैया दूज पर बांध दें
अगर किसी बहन ने किन्ही कारणवश बीते रक्षा बंधन पर अपने भाई को राखी नहीं बांधी थी, या दूर होने के कारण नहीं बांध पाई तो वह भैया दूज के दिन तिलक करके कलावा बांधने के बाद रक्षाबंधन वाली राखी भी बांध सकती हैं।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)