लखनऊः बरगद का पेड़ तमाम परेशानियों को दूर करता है। यह दवाओं से लेकर पर्यावरण तक का मददगार है। आज भी बुजुर्ग यदि किसानों के लिए लाभकारी पेड़ का जिक्र करते हैं, तो उनमें बरगद का नाम जरूर आता है। बरगद को बड़ी जगह में लगाया जाता है। नर्सरियों में इसके कम दामों में पेड़ उपलब्ध हैं और आजकल इसके बोन्साई की मांग काफी होने लगी है।
बरगद बहुत ही छायादार और लम्बे समय तक टिका रहने वाला पेड़ है। यह ऐसा पेड़ है, जो काफी घना होता है और सूखा जैसा मौसम आने पर भी सूखता नहीं है। मनुष्य ही नहीं, यह पशु-पक्षियों के लिए भी काफी लाभकारी है। बरगद के पेड़ के फल खाकर पक्षी अपना पेट भरते हैं, तो वहीं कुछ पशुओं को इसके पत्ते खाने के लिए दिए जाते हैं। गर्मी के समय में इसकी शीतल छाया में बैठकर लोगों की थकान मिट जाती है। गांवों में किसान अपने पशुओं को बरगद के पेड़ के नीचे बांधते हैं।
किसानों का कहना है कि जब गर्मी होती है, तब पशुओं को बचाने के लिए बरगद के पेड़ की छाया बेहद मददगार साबित होती है। उन्नाव जिले के किसान देवी प्रकाश की उम्र करीब 85 साल है। अपने पुराने दिनों को याद कर वह कहते हैं कि उनके घर के बाहर एक पुराना बरगद का पेड़ है। आज भी वह इसके नीचे अपने पशुओं के बांधने के लिए कहते हैं। वह कहते हैं कि यदि इसके नीचे दुधारू जानवर को न बांधा जाए, तो उनमें दूध की कमी हो जाती है। वह कहते हैं कि चैत्र माह में जब फसल कटने लगती है, तब उसका भूसा इसी पेड़ के नीचे इकट्ठा कर देते थे। यदि अचानक मौसम खराब हो जाता था और हल्की बूंदाबांदी हो भी जाती थी तो इसका असर भूसे पर नहीं पड़ता था। पानी पत्तों से होकर बाहर चला जाता था।
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घरेलू नुस्खों में हैं कारगर -
बरगद की पत्तियों का 20 ग्राम भस्म 100 मिलीग्राम अलसी के तेल में मिलाकर सिर में लगाने से बालों की समस्या दूर होती है। इसके कोमल पत्तों के रस के बराबर सरसों के तेल में मिलाकर पका लें। इससे बालों की तमाम समस्याएं दूर हो जाती हैं। यह गंजेपन की दवा बनाने में भी मददगार होता है। चेहरे की संुदरता निखारने, मुंहासे तथा झांई दूर करने के लिए इसे दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। 10 ग्राम छाल के साथ 05 ग्राम कत्था और 02 ग्राम काली मिर्च पीसकर चूर्ण को मंजन बनाया जाता है। यदि किसी दांत को निकालना हो, तो उस स्थान पर बरगद का दूध लगा दें। उसके बाद दांत को आसानी से निकाला जा सकता है। बरगद के जड़ की दातून बनाकर मंजन करने से दांत दर्द दूर होता है। सर्दी, जुकाम और दस्त के इलाज में भी यह काम आता है। इसकी जड़, छाल, जट, दूध और पत्ते सभी आयुर्वेद की दवाओं में इस्तेमाल किए जाते हैं।
बरगद लगाने का तरीका -
बरगद का पेड़ हर जगह पाया जाता है। धार्मिक अवसरों पर इस्तेमाल होने के कारण इसे मंदिरों के आस-पास भी लगाया जाता है। सड़क के किनारे या खाली पड़ी जमीन पर इसे बारिश के दौरान लगाते हैं। कुछ लोग इसकी जड़ के हिस्से को निकालकर, तो कुछ तने को काटकर लगाते हैं। हालांकि, यह अब आसानी से लगाया जाने वाला पेड़ है। नर्सरी में सौ रूपए के अंदर इसको खरीद लें। इसमें सूखने जैसे चांस कम हैं। सभी अन्य पौधों की तरह ही इसे भी मिट्टी की थैलियों में नर्सरी वाले रखते हैं। इसमें जड़ें भी होती हैं, इसलिए यह सर्दियों में भी लग जाता है।
· शरद त्रिपाठी की रिपोर्ट
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