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बलवीर गिरि होंगे महंत नरेंद्र गिरि के उत्तराधिकारी, पांच अक्टूबर को पंच परमेश्वर सौंप देंगे गद्दी

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प्रयागराजः अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे ब्रह्मलीन महंत नरेंद्र गिरि के उत्तराधिकारी पर निर्णय ले लिया गया है। अखाड़ा परिषद के पंच परमेश्वरों ने वसीयत के आधार पर ब्रह्मलीन महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य बलवीर गिरि को उत्तराधिकारी घोषित किया है। महंत नरेंद्र गिरि ने सुसाइड नोट में बलवीर गिरि को विरासत सौंपने की बात लिखी थी। वह उनके 15 साल पुराने शिष्य हैं। पांच अक्टूबर को नरेंद्र गिरि के षोडशी संस्कार के अवसर पर उनके शिष्य और उत्तराधिकारी बलवीर गिरि को बाघम्बरी मठ की गद्दी पर बैठाया जाएगा। इसी दिन बाघम्बरी मठ की कमान बलवीर गिरि को सौंप दी जाएगी।

उल्लेखनीय है कि महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद उनका सुसाइड नोट मिला था, जिसमें उन्होंने बलवीर गिरि को उत्तराधिकारी घोषित किया था। इसके बाद मठ के पंच परमेश्वरों ने सुसाइड नोट को फर्जी बताते हुए बलवीर गिरि को उत्तराधिकारी बनाने से इनकार कर दिया था। अब नरेंद्र गिरि के रजिस्टर्ड वसीयत के आधार पर बलवीर गिरि को मठ का उत्तराधिकारी बनाया गया है। 2004 में महंत नरेंद्र गिरि भी ऐसे ही मठाधीश बने थे।

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नरेंद्र गिरि ने अपनी पहली वसीयत में शिष्य बलवीर गिरि को उत्तराधिकारी बनाया था। लेकिन बाद में साल 2011 में उन्होंने एक दूसरी वसीयत तैयार करवाई जिसमें उन्होंने उत्तराधिकारी के लिए आनंद गिरि को नामित किया। इसके बाद आनंद गिरि से विवाद के पश्चात नरेंद्र गिरि ने एक बार फिर तीसरी वसीयत तैयार करायी जिसमें उन्होंने पुनः बलवीर गिरि को उत्तराधिकारी बनाया।

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