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असम सरकार ने सीमा विवाद के लिए मिजोरम को ठहराया जिम्मेदार

A clash broke out between Police and people at the disputed Assam-Mizoram border,

गुवाहाटी: असम सरकार ने मिजोरम मुद्दे पर एक बयान जारी कर कहा है कि मिजोरम पुलिस ने असम के अधिकारियों, पुलिस और नागरिकों पर सोमवार को अंतरराज्यीय सीमा पर गोलियां चलाई थी। बयान में कछार जिला के लैलापुर में हुई घटनाओं को रेखांकित करते हुए कहा गया है कि फायरिंग में छह असम पुलिस कर्मियों और एक नागरिक की मौत हो गई। घटना में 50 लोग घायल हो गए हैं।

असम सरकार ने कहा है कि मिजोरम ने मौजूदा समझौतों और मौजूदा यथास्थिति का एक बार फिर उल्लंघन किया है। मिजोरम ने लैलापुर क्षेत्र में इनर लाइन रिजर्व फॉरेस्ट को नष्ट करते हुए असम में रेंगती बस्ती की ओर एक सड़क का निर्माण शुरू किया। इसके साथ ही मिजोरम पक्ष ने उसी क्षेत्र में तटस्थ बल सीआरपीएफ के शिविर के बगल में एक पहाड़ी पर एक नया सशस्त्र शिविर भी स्थापित किया।

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स्थिति को नियंत्रित करने और मामलों को सुलझाने के प्रयास में असम एक आईजीपी, डीआईजी, कछार के डीसी, कछार के एसपी और कछार के डीएफओ सहित असम के अधिकारियों का एक दल सोमवार सुबह मिजोरम पक्ष से यथास्थिति में खलल न डालने का अनुरोध करने के लिए क्षेत्र में गया।  मिजोरम की ओर से बदमाशों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया और उन पर हमला कर दिया, जिसे मिजोरम पुलिस का स्पष्ट समर्थन था। उपलब्ध वीडियो फुटेज में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि इस भीड़ के आक्रामक व्यवहार और मुद्रा के साथ-साथ यह भी देखने को मिला कि वे हथियार लहरा रहे थे। सभी हेलमेट पहने हुए थे। भीड़ ने जहां असम के अधिकारियों पर पथराव किया और डीसी की कार सहित तीन वाहनों को नष्ट कर दिया, वहीं मिजोरम पुलिस ने असम प्रतिनिधिमंडल पर आंसू गैस के गोले दागे। इस हमले में आईजीपी घायल हो गए थे।

मिजोरम के कोलासिब जिला के एसपी ने दो अतिरिक्त एसपी स्तर के अधिकारियों के साथ असम प्रतिनिधिमंडल के साथ चर्चा की, इस दौरान उनसे अनुरोध किया गया कि वे भीड़ को नियंत्रित करें और उन्हें कानून अपने हाथ में न लेने दें, जिससे शांति व्यवस्था भंग न हो।

मिजोरम के अधिकारी जाहिरा तौर पर भीड़ से बात करने गए, लेकिन कोलासिब के एसपी शाम करीब साढ़े चार बजे वापस लौटे और कहा कि भीड़ पर उनका कोई नियंत्रण नहीं है। ऐसी स्थिति में जब कोलासिब के एसपी असम के अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे थे। इसी दौरान मिजोरम पुलिस ने एलएमजी सहित स्वचालित हथियारों के साथ दो प्रमुख ऊंचाई वाले स्थानों से असम के अधिकारियों और नागरिकों पर गोलियां चलाईं।

असम सरकार ने कहा है कि यह भारी मन से कहने के लिए हम विवश हैं कि मिजोरम पक्ष द्वारा असम में घुसपैठ और आक्रामकता दिखायी गयी। हमले में पांच असम पुलिस कर्मियों की मौत हो गयी है। 50 से अधिक घायल हो गए, जिनमें एसपी कछार वैभव निंबालकर, आईपीएस शामिल हैं। उनके पैर में गोली लगी है और वे आईसीयू में है।

हालांकि, गैर सरकारी सूत्रों के अनुसार हमले में असम पुलिस और नागरिकों समेत कुल 70 से अधिक लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आई है। जिसमें कुछ की हालत गंभीर है, जिन्हें सिलचर मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

असम पुलिस और अधिकारियों ने आरोप लगाया कि उन पर मिजोरम की ओर षडयंत्र के तहत अचानक भीषण हमला किया गया। बावजूद असम पक्ष ने बेहद संयम दिखाया है। असम पुलिस की कार्रवाई यह साबित करती है कि असम के अधिकारियों पर भारी संख्या में उपद्रवियों द्वारा हमला करने के बावजूद मिजोरम की तरफ कोई हताहत नहीं हुआ। तथ्य यह है कि क्षेत्र में मिजोरम से बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद थे, असम पुलिस ने इस पर ध्यान दिया, जिसने संयम दिखाया, भले ही वही लोग उन पर हमला कर रहे थे।

असम सरकार पड़ोसी संबंधों को बहाल करते हुए सौहार्दपूर्ण संबंध और शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। यह मिजोरम राज्य से अपने लोगों और पुलिसकर्मियों को हिंसा में शामिल होने से रोकने और शांति बहाल करने की दिशा में काम करने का अनुरोध करता है।