
गुवाहाटीः असम में बाढ़ की स्थिति गुरुवार को भी गंभीर बनी रही, जिसके चलते सात और लोगों की मौत हो जाने से इस आपदा में अब तक कुल 108 लोगों की जान जा चुकी है। सिलचर के लोकसभा सांसद राजदीप रॉय ने गुरुवार को कहा कि सिलचर में पिछले सात दशकों में यह सबसे भीषण बाढ़ है। वहीं मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित सिलचर शहर का हवाई सर्वेक्षण किया है।
ये भी पढ़ें..‘स्वच्छ भारत अभियान’ के नाम पर जनता से ज्यादा टैक्स वसूल रही सरकारः कांग्रेस
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को इलाके में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए सिलचर का दौरा किया। राज्य का पूरा बराक घाटी क्षेत्र खासकर सिलचर शहर सोमवार से जलमग्न हो गया है। सरमा ने शहर और उसके आसपास बराक नदी के बढ़ते जल स्तर से हुए नुकसान का निरीक्षण करने के लिए एक विशेष विमान पर हवाई सर्वेक्षण किया। उनके साथ सिलचर के सांसद राजदीप रॉय, उपायुक्त और कछार के पुलिस अधीक्षक भी थे।
मुख्यमंत्री ने उपायुक्त कार्यालय में जिले के विभिन्न सरकारी विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कछार में स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक की भी अध्यक्षता की। उन्होंने जिला प्रशासन को बाढ़ राहत का जायजा लेने और स्थानीय लोगों की मदद से बचाव अभियान चलाने के लिए एक विशिष्ट वार्डवार सूक्ष्म स्तरीय योजना तैयार करने का निर्देश दिया। उन्होंने सिलचर के जनप्रतिनिधियों से भी मुलाकात की और उनसे बातचीत की।
इस बीच कछार के जिला प्रशासन ने गुरुवार सुबह भारतीय वायु सेना के समर्थन से सिलचर के इलाकों में हवाई बूंदों का परीक्षण किया। हेलीकॉप्टरों ने शहर भर में समतल छतों पर भोजन, पानी की बोतलों और अन्य आवश्यकताओं के साथ राहत सामग्री को हवा में गिराया। सरमा ने ट्विटर पर कहा, "खाद्य सामग्री, पानी की बोतलें और जरूरी सामान वाले पैकेट आज बाढ़ प्रभावित सिलचर में हेलीकॉप्टरों से गिराए गए। हमारी सरकार बराक घाटी के लोगों के साथ है।"
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)