वाराणसीः भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को ज्ञानवापी परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय मिला है। ASI की अर्जी पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने शनिवार को यह फैसला सुनाया।
ASI के वकील ने अर्जी दाखिल कर सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 15 दिन का समय मांगा था। जिला जज डॉ. विश्वेश ने 15 दिन की जगह 10 दिन का समय दिया है। जिला जज ने अपने मौखिक आदेश में 10 दिन की मोहलत मांगी।
हिंदू पक्ष ने नहीं की कोई टिप्पणी
ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट तैयार न होने पर ASI के अधिवक्ता ने कोर्ट से 15 दिन का अतिरिक्त समय देने की मांग की थी। कोर्ट ने इससे पहले ASI टीम को ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट सौंपने के लिए 4 सितंबर तक का अतिरिक्त समय दिया था। 4 सितंबर तक रिपोर्ट तैयार नहीं होने पर ASI ने कोर्ट से और समय मांगा। कोर्ट ने 6 सितंबर को अतिरिक्त समय देते हुए 17 नवंबर को सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था। 17 नवंबर को सर्वे रिपोर्ट तैयार नहीं होने पर जिला कोर्ट ने 10 दिन की मोहलत और दी है।
शनिवार को कोर्ट में समय विस्तार की अर्जी पर सुनवाई के दौरान ASI के अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखा। वादी हिंदू पक्ष ने तो इस पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन प्रतिवादी पक्ष ने इसका कड़ा विरोध किया। बचाव पक्ष के वकील ने तर्क दिया कि जिला अदालत के बार-बार आदेश के बावजूद ASI ने सर्वेक्षण रिपोर्ट दाखिल नहीं की। बार-बार अतिरिक्त समय मांगा जा रहा है जो उचित नहीं है। ऐसे में ASI को समय नहीं दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने मौखिक रूप से ASI को 10 दिन के अंदर हर हाल में रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया।
250 अवशेषों को कलेक्ट्रेट के लॉकर रखा
अधिकारियों के मुताबिक, ज्ञानवापी परिसर में 100 दिनों से अधिक समय तक चले सर्वेक्षण के दौरान मिले 250 अवशेषों को जिलाधिकारी की देखरेख में कलेक्ट्रेट परिसर स्थित कोषागार के लॉकर में जमा करा दिया गया है। ASI ने अब तक के सर्वे की अध्ययन रिपोर्ट भी तैयार कर ली है। यह रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में जिला जज की अदालत में दाखिल की जाएगी। 21 जुलाई को जिला जज डॉ. विश्वेश की अदालत ने ज्ञानवापी के सीलबंद बाथरूम को छोड़कर बाकी परिसर का ASI सर्वे कराने का आदेश दिया था।
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इसके बाद प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने जिला न्यायालय के आदेश के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने ASI सर्वे पर रोक लगा दी थी। फिर सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाई कोर्ट से आदेश मिलने के बाद ASI की 40 सदस्यीय टीम ने 4 अगस्त से दोबारा ज्ञानवापी परिसर में सर्वे शुरू किया। ASI ने राज्य के सहयोग से सर्वे में विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। ज्ञानवापी परिसर में बेसमेंट से लेकर गुंबद और शीर्ष तक निर्मित संरचनाओं को मापकर ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार सिस्टम और पारंपरिक तकनीकों सहित अत्याधुनिक उपकरण। इसमें हैदराबाद और कानपुर के ASI विशेषज्ञों ने भी पूरा सहयोग दिया।
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