मुंबई: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी अध्यक्ष और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को मुंबई में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद इन तीनों नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
उद्धव ठाकरे ने बताया कि अगला साल चुनाव का है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने दो फैसले दिए हैं। एक दिल्ली सरकार को लेकर और दूसरा शिवसेना को लेकर। देश देख रहा है कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अनादर कर रही है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस समय लोकतंत्र खतरे में है इसलिए सभी को साथ आना जरूरी है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में उनकी सरकार आते ही मोदी सरकार ने अधिसूचना जारी कर दिल्ली सरकार की शक्तियां छीन ली थीं। इसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट गए और सुप्रीम कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया। इसके बावजूद केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नहीं मान रही है। जजों और वकीलों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। उसके खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार की ज्यादतियों का सबसे ज्यादा खामियाजा शिवसेना को भुगतना पड़ा है। उन्होंने सीबीआई, ईडी का इस्तेमाल कर बहुमत की सरकार को उखाड़ फेंका। उनकी सरकार नहीं बनी तो विधायक तोड़े जा रहे हैं। केजरीवाल ने कहा कि शिवसेना ने हमसे वादा किया है कि जब यह मुद्दा संसद में आएगा तो वे हमारा समर्थन करेंगे।
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भगवंत मान ने कहा कि केंद्र सरकार निर्वाचित के बजाय चयनित को तरजीह दे रही है। ईडी, सीबीआई का इस्तेमाल कर गैर-बीजेपी सरकारों को अस्थिर किया जा रहा है। लोकतंत्र के बजाय सत्ता ही इनका मुख्य उद्देश्य बन गया है। भगवंत मान ने कहा कि देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना खून देकर देश को आजादी दिलाई और ये लोग देश की तमाम संस्थाओं को बेचने में लगे हैं, इसलिए देश को बचाना जरूरी हो गया है और देश को बचाने के लिए जरूरी है लोकतंत्र।
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