
कोलकाताः पूर्वी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता ने कहा है कि सेना को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर ध्यान देना चाहिए। यह सोचने का कोई मतलब नहीं है कि युद्ध के दौरान कौन सा देश मदद करेगा, बल्कि हमें आत्मनिर्भर बनना होगा। इसलिए हमें स्वदेशी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की जरूरत है।
कमांडर कलिता मंगलवार को कोलकाता में एक व्यावसायिक बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने बताया कि मिनी डिफेंस एक्सपो 6 से 9 जुलाई तक कोलकाता में आयोजित किया जाएगा। वहां विभिन्न संगठनों को स्वदेशी सैन्य उपकरणों का प्रदर्शन करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि न केवल गोला-बारूद, बल्कि कंप्यूटर और इंटरनेट कनेक्शन भी आजकल एक हथियार बन गए हैं। हैकर्स लगातार किसी भी देश में बैंकिंग सेवाओं, परिवहन और यहां तक कि मिसाइल सिस्टम को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि यूक्रेन-रूस युद्ध की शुरुआत में पता चला था कि रूसी सेना कीव की इंटरनेट सेवा को नष्ट कर रही थी। इससे एक साल पहले सुनने में आया था कि लश्कर-ए-तैयबा 'वर्चुअल वॉर' की साजिश रच रहा है। अब पाकिस्तान के आतंकी समूह भी साइबर हमले पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। ऐसे में लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता की ओर से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बात बेहद महत्वपूर्ण बताई जा रही है।
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