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Article 370 हटाना संवैधानिक रूप से वैध, 4 साल बाद मोदी सरकार के फैसले पर लगी 'सुप्रीम' मुहर

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article-370 नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मोदी सरकार को बड़ी राहत देते हुए जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाने के फैसले को बरकरार रखा है। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग हैं। इसकी कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं है। इसलिए अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला संवैधानिक रूप से वैध है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 30 सितंबर 2024 तक विधानसभा चुनाव हो जाने चाहिए। साथ ही कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस देने का भी निर्देश दिया है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने ये फैसला सुनाया। अनुच्छेद 370 पर सुनवाई के दौरान भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिया जाएगा। हालांकि, लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश ही रहेगा। कोर्ट ने कहा कि हम निर्देश देते हैं कि चुनाव आयोग जम्मू-कश्मीर में नए परिसीमन के आधार पर विधानसभा चुनाव कराए. 30 सितंबर 2024 तक विधानसभा चुनाव कराएं। राज्य का दर्जा भी जल्द से जल्द बहाल किया जाए।

जानें कोर्ट ने क्या कुछ कहा-

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, हमने माना है कि जम्मू और कश्मीर ने भारत संघ में शामिल होने पर संप्रभुता या आंतरिक संप्रभुता का कोई तत्व बरकरार नहीं रखा। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 1 और 370 से संकेत मिलता है कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर ने अपनी संप्रभुता पूरी तरह से भारत संघ को सौंप दी है और जम्मू-कश्मीर का संविधान भारत संघ और जम्मू-कश्मीर के बीच संबंधों को आगे परिभाषित करने के लिए है। ये भी पढ़ें..Anushka Sharma या Virat Kohli, कौन है सबसे ज्यादा अमीर? एनिवर्सरी पर जानिए दोनों की संपत्ति सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के संविधान की प्रस्तावना और धारा 3, 5 और 147 भारत के संविधान के अनुच्छेद 1 के साथ मिलकर पहली अनुसूची के साथ-साथ अनुच्छेद 370 के साथ पढ़ी जाती हैं, जो "कोई अनिश्चित शर्तों" में इंगित नहीं करता है। बता दें कि इससे पहले 5 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। 16 दिनों की मैराथन सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था। दरअसल चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस बीआर गवई की संविधान पीठ ने कश्मीर घाटी से अनुच्छेद 370 हटाने को संवैधानिक रूप से वैध बताया।

4 साल 4 महीने और 6 दिन बाद कोर्ट ने सुनाया फैसला

गौरतलब है कि मोदी सरकार द्वारा 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 का प्रभाव खत्म कर दिया गया था, साथ ही राज्य को दो हिस्सों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटकर दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया। वहीं केंद्र के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 23 अर्जियां दाखिल की गईं थी, सभी पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने सितंबर में फैसला सुरक्षित रख लिया। अनुच्छेद 370 हटने के 4 साल 4 महीने और 6 दिन बाद आज सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस संजय किशन कौल की बेंच ने फैसला सुनाया। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)