लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ में विधानसभा मार्ग पर बीते दिनों अंजलि उर्फ आयशा ने खुद को आग लगाकर जान देने की कोशिश की थी। बुरी तरह से झुलसी अंजलि को लखनऊ के सिविल अस्पताल में अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां बुधवार को उसने दम तोड़ दिया। अंजलि की मौत कई सवाल छोड़ गई है। वहीं महिला थाने पर भी बड़ी लापरवाही बरतने के आरोप लग रहे हैं।
इस वजह से उठाया आत्मदाह का कदमदरअसल, अंजलि अपने पति आसिफ रजा और ससुराल वालों के अत्याचार से तंग आकर जब अपनी फरियाद लेकर महिला थाने पहुंची तो वहां उसकी बात ही सुनी नहीं गई। अंजलि की फरियाद फाइलों में ही कैद रही पर, जिम्मेदार उसकी बातों को अनसुना कर कार्रवाई के बजाय सुलह-समझौते की कोशिश ही करते रहे। अपनी फरियाद पर कार्रवाई ना होती देख अंजलि ऐसा कदम उठाने को मजबूर हुई। बता दें कि मंगलवार को अंजलि ने लखनऊ में विधानसभा के पास बीजेपी कार्यालय के गेट नंबर 2 के सामने न्याय की गुहार लगाते हुए अपने शरीर पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर खुद को आग लगा ली थी। इस दौरान वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने उसे बचाने की कोशिश की। बुधवार को लखनऊ के सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान शाम को उसकी मौत हो गई। आइए आपको बताते हैं अंजलि के अतीत की कहानी..
अंजलि तिवारी उर्फ आयशा का अतीत-अंजलि तिवारी उर्फ ज्योति झारखंड के पलामू जिला के चेपात की रहने वाली थी। उसकी जिंदगी में शादी के आठ साल के अंदर कई डरावने मोड़ आए, पर वह बिना विचलित हुए जिंदगी से जंग लड़ती रही। घुघली क्षेत्र के पिपराइच उर्फ पचरूखिया में शादी के बाद अंजलि पति के नशे की आदत से परेशान थी। इस दौरान उसका पति से रिश्ता टूट गया। रिश्ता तोड़ने के बाद मां-बाप पर बोझ बनने के बजाय हालात से संघर्ष करते हुए अंजलि महराजगंज के वीर बहादुर नगर कस्बे में किराए का मकान लेकर अकेले रहने लगी।
अपनी जिंदगी चलाने के लिए अंजलि ने एक कपड़े की दुकान में नौकरी की। इसी दौरान उसकी जिंदगी में राज उर्फ आसिफ रजा आया। आसिफ रजा ने अंजलि को अपनी प्यार भरी बातों में लेकर उसे भरोसा दिलाया कि उसके साथ उसकी जिंदगी आसान हो जाएगी।
शादी करने के लिए धर्म बदलने की शर्त
अंजलि ने जब आसिफ से शादी का प्रस्ताव रखा तो उसने धर्म परिवर्तन की शर्त रखी। हालात में फंसी अंजलि मजबूर होकर आयशा बन गई। मौलवी ने उसका निकाह कराया। पर ये निकाह आसिफ के परिजनों को मंजूर नहीं था। आसिफ रजा के परिजनों ने अंजलि का उत्पीड़न शुरू कर दिया। इसके बाद आसिफ के साथ वह गोरखपुर चली गई। वहीं किराए पर कमरा लेकर रहने लगी।
आसिफ भी बदल गया
आसिफ पर आरोप है कि गोरखपुर में वह अंजलि पर अत्याचार करने लगा। कुछ ही दिनों बाद अंजलि को गोरखपुर में छोड़ आसिफ सऊदी अरब चला गया। आसिफ पिछले ढाई साल से सउदी अरब में ही रह रहा है। ऐसा करते करते ढाई साल गुजर गए। इस बीच आसिफ रजा ने अंजलि से संबंध तोड़ लिया और उसे पैसा भेजना बंद कर दिया। चार अक्तूबर को अंजलि गोरखपुर से वीर बहादुर नगर स्थित आसिफ के घर आकर धरने पर बैठ गई।
आसिफ के परिजनों ने भी अपनाने से इनकार किया, महिला थाना में नहीं हुई सुनवाई
आसिफ के परिजनों ने भी अंजलि को अपनाने से इनकार कर दिया और अपना दरवाजा बंद कर लिया। अंजलि को दरवाजे से हटाने की कोशिश शुरू हुई। पुलिस मौके पर पहुंची और अंजलि को महिला थाना भेज दी। महिला थाने में अंजलि ने अपनी पूरी कहानी सुनाई और इंसाफ की मांग की, लेकिन महिला थानाध्यक्ष ने उत्पीड़न के सभी आरोपों को नजरअंदाज कर दिया। इसके बाद सुलह-समझौता की बात शुरू हुई, लेकिन इसे मानने से अंजलि ने इनकार कर दिया। महिला थाना में अंजलि के आरोपों पर केस भी दर्ज नहीं किया गया।
यह भी पढ़ें- चित्रकूट: गैंगरेप पीड़िता ने लगाई फांसी, पुलिस पर FIR दर्ज न करने का आरोपवहीं अब इस मामले में पुलिस उन लोगों को घटना के लिए कसूरवार ठहराने पर तुली हुई है जिनपर कथित रूप से अंजलि को उकसाने का आरोप है। अंजलि को आत्मदाह के लिए उकसाने के आरोप में हजरतगंज पुलिस ने एक युवक को हिरासत में भी लिया। इस मामले में महाराजगंज के एसपी प्रदीप गुप्ता का कहना है कि लखनऊ पुलिस फिलहाल इस मामले की जांच-पड़ताल में जुटी हुई है।