लखनऊः वन्य जीवों को गर्मी से बचाने के लिए नवाब वाजिद अलीशाह प्राणि उद्यान तमाम प्रयास कर रहा है। उद्यान अधिकारियों का कहना है कि अलग-अलग वन्य जीवों के लिए उनकी आवश्यकता के अनुरूप उपाय किए गए हैं। अनेक वन्य जीवों के बाड़ों में जहां अधिक धूप आती है, उनके आस-पास बड़ी संख्या में पेड़-पौधे लगाए गए हैं। इससे वहां प्राकृतिक रूप से हरियाली के उपाय किए जा रहे हैं।
वन्य जीवों के पीने के लिए स्वच्छ पानी की व्यवस्था
प्राणि उद्यान में वन्य जीवों को स्वच्छ पीने के पानी की व्यवस्था और अच्छी की गई है। सुबह और शाम पीने का ताजा पानी भरकर बाड़ों में वन्य जीवों के पीने के लिए रखा जाता है। वन्य जीवों के घरों को प्रतिदिन पानी से धोकर साफ किया जाता है। इससे बाड़ों में ठंडक के साथ साफ-सफाई के लिए भी प्रयास किए गए हैं। हिरणों के लिए बाड़ों में स्प्रिंकलर सिस्टम लगाए गए हैं, जिससे ये वन्य जीव ठंडे पानी का आनन्द ले सकें तथा समय-समय पर पानी में भीग कर खुद को ठंडा रख सकें। वन्य जीवों के बाड़ों में गर्मी से बचाव के लिए 25 से अधिक कूलर लगाए गए हैं।
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बाड़ों में लगाए गए कूलर
बब्बर शेर, टाइगर, सांप घर, लॉयन टेल मंकी, चिम्पान्जी, व्हाइट टाइगर, मछलीघर, उल्लू घर, वन्य जीव चिकित्सालय के वार्ड में भी कूलर लगाए गए हैं। वन्य जीवों के बाड़ों को ठंडा रखने तथा वन्य जीवों को पानी की फुहार द्वारा गर्मी से बचाने के लिए स्प्रिंकलर लगाए गए हैं। काला हिरण, हॉग डियर, बारासिंघा, बार्किंग डियर, चीतल, चिम्पान्जी, लॉयन टेल मंकी, बब्बर शेर, व्हाइट टाइगर, पक्षियों के बाड़े, फीजेन्टस के बाड़े में यह व्यवस्था की गई है। इन स्प्रिंकलर को दोपहर के समय 11 से 04 बजे के बीच रोटेशन के आधार पर पानी के फव्वारे चलाए जाते हैं। इससे वन्य जीव एवं पक्षी नहाते हैं तथा उनको गर्मी से निजात मिलती है।
जीवों के बाड़ों में भरा गया पानी
जिन वन्य जीवों को पानी में बैठकर नहाना पसंद है एवं इस प्रकार अपने को ठंडा रखते हैं, उन सभी वन्य जीवों के बाड़ों में पानी के हौद बनाकर उनमें पानी भरा गया है। टाइगर एवं व्हाइट टाइगर, हिमालयन भालू के लिए भी यह व्यवस्था दी गई है। पक्षी एवं फीजेन्टस बाड़े में विभिन्न पक्षियों में काकाटील, गोल्डेन फीजेन्टस, सिल्वर फीजेन्टस, सारस, लोहा सारस, नीले-पीले मकाउ, मोर, सफेद मोर आदि के बाड़ों में पानी की फुहार पैदा कर बाड़ों में और आस-पास के वातावरण को ठंडा करने के लिए माइक्रो फॉगर लगाए गए हैं।
इस प्रकार के माइक्रो फॉगर बीते साल लगाना शुरू किया गया था। इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसको शुरू किया गया था। इसके अच्छे परिणाम को देखते हुए इस बार इनकी संख्या बढ़ा दी गई है। इससे न केवल बाड़ा ठंडा रहता है, बल्कि वन्य जीवों को आराम मिलता है। इसके साथ ही आस-पास का वातावरण भी ठंडा हो जाता है। इसका लाभ दर्शकों को भी मिलता है। गर्मी एवं लू के थपेड़ों से बचाने के लिए बाड़ों में विशेषकर पक्षी बाड़ों में साइड में चटाई लगाई गई है। वन्य जीवों के खाने में ताजे फल, फूल, सब्जी, खीरा, ककड़ी, हरी पत्तेदार सब्जी, तरबूज आदि की मात्रा बढ़ा दी गई है।