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अनिल देशमुख की जमानत 27 दिसम्बर तक टली, CBI की मांग पर कोर्ट ने लगाई रोक

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मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री अनिल देशमुख की जमानत पर लगाई गई रोक को बाम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को छह दिनों के लिए बढ़ा दिया है। हाई कोर्ट के जज मकरंद कर्णिक ने सीबीआई की याचिका को मान्य करते हुए यह निर्णय दिया है। वसूली मामले में बाम्बे हाई कोर्ट ने दस दिन पहले अनिल देशमुख को जमानत दी थी और सीबीआई की मांग पर जमानत पर दस दिन की रोक लगाई थी।

अनिल देशमुख की जमानत को दी गई अवधि आज समाप्त हो रही थी। इसीलिए सीबीआई के वकील ने मंगलवार को ही हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर फिर से दस दिन तक अनिल देशमुख की जमानत पर रोक लगाने की मांग की थी। इस मामले की बुधवार को सुनवाई जज मकरंद कर्णिक के समक्ष हुई और जज ने सीबीआई की मांग को मान्य करते हुए अनिल देशमुख की जमानत पर फिर से छह दिन की रोक लगा दी है। इस तरह अनिल देशमुख की जमानत अब 27 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

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दरअसल, अनिल देशमुख पर पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने 100 करोड़ रुपये प्रतिमाह रंगदारी वसूलने का लक्ष्य देने का आरोप लगाया था। इस मामले में एक साल पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉड्रिंग एंगल से छानबीन करने के लिए उन्हें गिरफ्तार किया था। साथ ही सीबीआई ने भी इस संबंध में मामला दर्ज किया था। ईडी की ओर से दर्ज मामले में अनिल देशमुख को जमानत मिल चुकी है। साथ ही सीबीआई की ओर से दर्ज मामले में अनिल देशमुख को जमानत मिल चुकी है। हाईकोर्ट से मिली जमानत को सीबीआई सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देना चाहती है। इसी वजह से सीबीआई ने कोर्ट में अनिल देशमुख को दी गई जमानत पर रोक लगाने की मांग की थी।

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