लखनऊः उत्तर प्रदेश के कन्नौज से नवनिर्वाचित लोकसभा सदस्य और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को शनिवार को पार्टी संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद यह साफ हो गया है कि अब वह केंद्रीय राजनीति करेंगे और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देंगे। अखिलेश मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट से विधायक हैं।
कार्यकर्ताओं का किया अभिवादन
लोकसभा चुनाव में सपा के 37 उम्मीदवार जीत दर्ज करने में कामयाब रहे हैं। अखिलेश यादव को संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद पार्टी के नवनिर्वाचित सांसदों ने उन्हें बधाई दी। इस दौरान अखिलेश ने पूरे जोश के साथ अपने कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया। अखिलेश ने पत्रकारों से कहा कि सपा सांसद जनता के हित की बात करने का काम करेंगे और जनता के बीच रहकर संघर्ष करेंगे।
सफल रही पीडीए की रणनीति
पीडीए की रणनीति पर अखिलेश यादव ने जोर दिया कि सपा पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक यानी पीडीए की रणनीति पर काम करती रही और इसका नतीजा हमें 2024 के चुनाव में मिला है। हमारे पास दो तरह के सांसद हैं, एक जिन्हें प्रमाण पत्र मिल गया है और दूसरे जिन्हें प्रमाण पत्र नहीं मिल पाया है। हम ऐसे दोनों सांसदों को जीत की बधाई देते हैं।
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करहल विधानसभा सीट से जुड़े सवाल पर अखिलेश ने कहा कि मैनपुरी में सपा की लंबे समय से पकड़ रही है और उसी का नतीजा है कि हम वहां लोकसभा चुनाव जीते हैं। सपा सांसदों ने मुझे संसदीय दल का नेता चुना है। मैं चाचा शिवपाल सिंह यादव और प्रमुख नेताओं के साथ बैठकर आगे की रणनीति पर चर्चा करूंगा।