नई दिल्लीः कोरोना वैक्सीनेशन के पहले दिन इसकी वैक्सीन की रणनीति पर एक सरकारी पैनल के प्रमुखों में शामिल एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया और नीति आयोग के सदस्य विनोद के. पॉल ने शनिवार को कोविड -19 वैक्सीन का पहला डोज लिया। गौरतलब है कि भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का शुभारंभ किया।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में गुलेरिया और पॉल दोनों ने वैक्सीन लिए। एम्स दिल्ली के 81 टीकाकरण स्थलों में से एक है। दोनों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की उपस्थिति में वैक्सीन लिया। प्रधानमंत्री द्वारा कोविड -19 वैक्सीन का शुभारंभ किए जाने के तुरंत बाद 34 वर्षीय एम्स के सफाई कर्मचारी महेश कुमार ने सबसे पहला वैक्सीन डोज लिया, उसके बाद गुलेरिया और पॉल ने भी वैक्सीन लिया। इनके बाद कतार में कई हेल्थकेयर वर्कर्स शामिल थे। गुलेरिया और पॉल दोनों को कथित तौर पर भारत बायोटेक की कोवैक्सिन का पहला डोज मिला। इस वैक्सीन को छह केंद्र संचालित अस्पतालों को आवंटित किया गया है। यह भी पढ़ें-मानव के लिए वरदान है पीपल, कई गंभीर बीमारियों से मुक्ति दिलाने में सहायक#WATCH | AIIMS Director Dr Randeep Guleria receives COVID-19 vaccine shot at AIIMS, Delhi. pic.twitter.com/GFvZ2lgfj3
— ANI (@ANI) January 16, 2021
इस बीच कई स्वास्थ्य कर्मचारियों को 75 सरकारी और निजी अस्पतालों में कोविड वैक्सीन देने की शुरुआत की गई, उन्हें कोविशिल्ड दिया गया। इस वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा विकसित किया गया है। सबसे पहले वैक्सीन हेल्थकेयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 50 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को दिए जाएंगे, उसके बाद अन्य बीमारियों से ग्रसित 50 से कम उम्र के लोगों और आखिर में बाकी आबादी को वैक्सीन दिया जाएगा। टीकाकरण अभियान की योजना प्राथमिकता वाले समूहों की पहचान करते हुए चरणबद्ध तरीके से बनाई गई है। इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट सर्विस (आईसीडीएस) श्रमिकों सहित सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में हेल्थकेयर श्रमिकों को पहले चरण में वैक्सीन प्राप्त होगी।