गोपालगंज : आम तौर पर कैदियों (prisoners) और जेल (jail) का नाम सुनते खूंखार कैदियों के चेहरे सामने आते हैं, लेकिन अब इन्ही कैदियों के द्वारा बनी अगरबत्ती (incense sticks) से प्रसिद्ध थावे मंदिर महकेगा। गोपालगंज के चनावे जेल में बंद कैदी आज हुनरमंद बन गए हैं। जेल में पिछले कई दिनों से महिला व पुरुष कैदी अगरबत्ती (incense sticks) तैयार कर रहे हैं। जेल प्रशासन के मुताबिक, कैदियों द्वारा बनी अगरबत्ती अच्छी क्वालिटी और सुगंधित है। उच्च क्वालिटी की इस अगरबत्ती का नाम भी मंदिर के नाम पर 'मां थावे अगरबत्ती' रखा गया है।
प्रभारी जेल अधीक्षक सह वरीय उप समाहर्ता राहुल सिन्हा ने बताया कि जेल में तैयार अगरबत्ती (incense sticks) थावे मंदिर के पास सभी दुकानों में भी बिकेंगी। साथ ही समाहरणालय में विशेष कैंप भी लगाया जायेगा, जहां से आम लोग भी अगरबत्ती खरीद सकेंगे। उन्होंने बताया कि 'आत्मा' के द्वारा जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी के निर्देश पर स्वरोजगार का प्रशिक्षण कैदियों को दिया गया था। उन्होंने कहा कि जेल प्रशासन द्वारा अगरबत्ती बनाने की सामग्री मुहैया करायी गयी है।
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उन्होंने कहा कि इन कैदियों के सामने अब उम्मीद की नई किरण जगी है, जेल में बंद कैदी स्वरोजगार से जुड़कर बाहर निकलकर अपना नया संसार बसायेंगे, इसके लिए उन्हें ऋण भी सरकार मुहैया करायेगी। गोपालगंज के जिलाधिकारी चौधरी कहते हैं कि जेल में हत्या, अपहरण, लूट जैसे संगीन अपराध में सजा काट रहे कैदी स्वरोजगार का प्रशिक्षण लेकर अगरबत्ती तैयार करने में लगे हुए हैं। स्वरोजगार के माध्यम से नया संसार गढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे लोग बाहर निकलने के बाद भी समाज की मुख्यधारा से जुड़ेंगे। उल्लेखनीय है कि ऐतिहासिक थावे दुर्गा मंदिर में दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। यहां पूजा-अर्चना करने के बाद मां भवानी की तस्वीर और पूजा सामग्री खरीदकर ले जाते हैं। कहा जाता है कि लोग पूजन सामग्री भी खरीद कर ले जाते हैं। ऐसे में अगरबत्ती (incense sticks) भी बिकेगी।
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