वाराणसीः भक्तों के अतिशय प्रेम में अत्यधिक स्नान से अस्वस्थ हुए जग के पालनहार भगवान जगन्नाथ एक पखवारे बाद शुक्रवार को स्वस्थ हो गये। अस्सी स्थित जगन्नाथ मंदिर के पुजारी राधेश्याम पांडेय ने भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भइया बलभद्र को प्रतीक रूप से पंचामृत स्नान कराने के बाद सफेद परिधान पहनाया। फिर सफेद फूलों से आकर्षक श्रृंगार कर परवल के जूस का भोग लगाया।
भव्य आरती के बाद प्रातःकाल मंदिर में भक्तों ने भगवान जगन्नाथ का दर्शन पूजन किया। भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र का दर्शन कर भक्त आह्लादित नजर आये। कोरोना के चलते इस वर्ष भी तीन दिवसीय काशी का लक्खा रथयात्रा मेला स्थगित रहेगा। मंदिर परिसर में ही भगवान जगन्नाथ, भइया बलभद्र व बहन सुभद्रा के साथ मनफेर के लिए निकलेंगे और रथयात्रा महोत्सव परम्परा का निर्वहन होगा।
यह भी पढ़ेंःफिजी के प्रधानमंत्री का ऐलान, वैक्सीन न लगवाने वाले लोगों को नहीं मिलेगी नौकरीबताते चलें, ज्येष्ठ पूर्णिमा पर भक्तों के प्रेम में अति स्नान से बीमार होने के बाद पखवारे भर तक भगवान जगन्नाथ को काढ़े का भोग लगाया गया। स्वस्थ होने पर जीरे की छौंक वाले परवल के जूस का भोग लगाया गया। दोपहर में पूड़ियों के साथ परवल के पकवान और मिष्ठान का भोग लगाया गया। परम्परानुसार विश्राम आरती के बाद मनफेर यात्रा के लिए डोला सजाने के लिए भक्त मंदिर में जुटे रहे।