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अदिति के ‘लेटर बम‘ से कांग्रेस बेचैन

aditi singh

लखनऊः यूपी कांग्रेस इन दिनों अपनी ही पार्टी से रायबरेली की सदर विधायक अदिति सिंह से परेशान है। अदिति ने कमला नेहरू सोसाइटी की वर्तमान कार्यकारिणी को फर्जी बताते हुए उसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनका कहना है कि सोसाइटी ने जो जमीन स्कूल-काॅलेज खोलने के लिए लीज पर लिया था, उसे बेचने का षड़यंत्र रचा जा रहा है। कांग्रेस के लिए यह ज्यादा चिंता की बात इसलिए है, क्योंकि सोसाइटी में कई बड़े कांगे्रसियों के नाम हो सकते हैं। नेशनल हेराल्ड के बाद यह दूसरा बड़ा मामला है, जिसमें हेराफेरी के आरोप लग रहे हैं।

वैसे तो अदिति कई बार पार्टी के बड़े नेताओं के खिलाफ खुलकर बोल चुकी हैं। इस बार उनका यह लेटर सियासत में गरमी पैदा करने के लिए काफी है। उन्होंने कमला नेहरू सोसायटी के खिलाफ ईओडब्ल्यू से जांच की मांग की है। अदिति ने इस सोसायटी पर व्यवसायिक और आर्थिक गतिविधियों में अनियमितता की बात कही है। अदिति ने पत्र में लिखा है कि स्कूल-कॉलेज के लिए जमीन लीज पर ली गई थी। यह भूखंड सिविल लाइंस के पास है। आरोपों के कारण चर्चा में आई कमला नेहरू एजुकेशन सोसाइटी के खिलाफ अदिति के साथ सदर क्षेत्र के लोग मुखर हैंै। उनका कहना है कि इस संस्था से हमेशा कई बड़े कांग्रेसी नेता जुड़े थे।

वर्तमान में जो कार्यकारिणी है, उसमें भी कई दिग्गजों के नाम शामिल हैं। सोमवार 2 नवंबर को ईओडब्ल्यू के महानिदेशक राजेंद्रपाल सिंह को सोसाइटी की जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। इस पत्र में लिखा गया है कि सोसाइटी की व्यावसायिक और आर्थिक गतिविधियों में काफी अनियमितताएं हैं। संस्था अपनी गलत कार्यशैली का प्रयोग करके आम जनमानस को प्रताड़ित कर रही है। आर्थिक गतिविधियों में अनियमितता से प्रतीत होता है कि ये एक फर्जी सोसाइटी है।

छात्राओं के महाविद्यालय बनाने की थी योजना

अदिति सिंह ने मीडिया को बताया कि लड़कियों की पढ़ाई के लिए जमीन ली गई थी। दशकों बाद भी उसका कोई इस्तेमाल नहीं किया गया है। अब उस जमीन को करोड़ों में बेचने की जुगत की जा रही है। कमला नेहरू एजुकेशन सोसाइटी के नाम सिविल लाइंस में करीब 5 बीघा जमीन है। यहां छात्राओं के लिए महिला महाविद्यालय खोलने के लिए जमीन सोसाइटी को दी गई थी। इस कारण यह पत्र लिखा गया है।

जमीन पर काबिज हैं दुकानदार

भूखंड पर बड़ी संख्या में स्थानीय दुकानदार काबिज हैं। इसका एक वाद सिविल कोर्ट में विचाराधीन है। कुछ दिन पहले हाईकोर्ट का आदेश बताकर जमीन खाली कराने के प्रयास हुए थे, तभी अदिति दुकानदारों के पक्ष में आकर खड़ी हो गई थीं। अब उन्होंने सोसाइटी की शिकायत शासन में कर दी है।

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चर्चा में रहा नेशनल हेराल्ड और यंग इंडिया

जवाहरलाल नेहरू ने 1938 में लखनऊ में नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना की थी। साल 2008 में यह अखबार बंद हो गया था। तब हेराल्ड का मालिकाना हक द एसोसिएट जर्नल्स के पास था। साल 2011 में एसोसिएट जर्नल्स की 90 करोड़ की देनदारी को कांग्रेस ने अपने जिम्मे ले लिया। इसके लिए कांग्रेस ने उसे 90 करोड़ का लोन दिया। इसके बाद 5 लाख रुपए में यंग इंडिया नाम से एक नई कंपनी बनाई गई, जिसमें राहुल और सोनिया गांधी की 38-38 फीसदी और बाकी 24 फीसदी हिस्सेदारी मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास होती है। इसके बाद एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड के 10 रुपए मूल्य के 9 करोड़ शेयर यंग इंडिया कंपनी को दे दिए गए। ये शेयर 90 करोड़ लोन के एवज में दिए गए। 9 करोड़ शेयर की वजह से यंग इंडिया की भागीदारी एसोसिएट जर्नल्स में 99 फीसदी हो गई। इसके बाद कांग्रेस ने एसोसिएट जर्नल्स का 90 करोड़ का लोन माफ कर दिया। इससे यंग इंडिया कंपनी को मुफ्त में ही एसोसिएट जर्नल्स का मालिकाना हक मिल गया। इस मामले में सुब्रमण्यम स्वामी ने 90 करोड़ के हवाला कारोबार का शक जताते हुए राहुल, सोनिया और कांग्रेस के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।