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गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के आचार्य कमलेश कुमार गुप्त सस्पेंड, जानें वजह

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गोरखपुरः गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन ने हिंदी विभाग के आचार्य कमलेश कुमार गुप्त को निलंबित कर दिया है। प्रशासन ने उन पर कर्तव्य निर्वहन न करने सहित कई आरोप लगाए हैं। उनके ऊपर लगे आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम भी गठित की गयी है।

विश्वविद्यालय का वातावरण खराब करने, समय से कक्षा में न जाने सहित कई लापरवाहियों के आरोप में विश्वविद्यालय प्रशासन ने हिंदी विभाग के आचार्य कमलेश गुप्ता को मंगलवार को निलंबित कर दिया है। साथ ही उन पर लगे आरोप की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है, जिसमें दो पूर्व कुलपति और एक कार्यपरिषद सदस्य शामिल हैं। इसके साथ ही दो और शिक्षकों को भी कार्रवाई के लिए चिन्हित किया गया है।

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प्रो.गुप्त को विश्वविद्यालय के पठन-पाठन के माहौल को खराब करने, बिना सूचना आवंटित कक्षाओं में न पढ़ाने, समय सारिणी के अनुसार न पढ़ाने, व असंसदीय भाषा का प्रयोग करते हुए टिप्पणी करने, विद्यार्थियों को अपने घर बुलाकर घरेलू कार्य कराने तथा उनका उत्पीड़न करने, जो विद्यार्थी उनकी बात नहीं सुनते हैं, उसको परीक्षा में फेल करने की धमकी देने, महाविद्यालयों में मौखिकी परीक्षाओं में धन उगाही की शिकायत, एवं नई शिक्षा नीति, नये पाठ्यक्रम तथा सीबीसीएस प्रणाली के बारे में दुष्प्रचार करने, सोशल मीडिया पर बिना विश्वविद्यालय के संज्ञान में लाए भ्रामक प्रचार करने के लिए कुलसचिव की ओर से समय-समय पर आठ नोटिस जारी किए गए हैं, मगर उनकी ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया।

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