Lucknow News: लखनऊः 69000 शिक्षक भर्ती में नियुक्ति पाने से वंचित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी रविवार 16 जुलाई को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे। यह जानकारी आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हक की लड़ाई लड़ रहे अमरेंद्र पटेल ने दी है। अमरेंद्र पटेल ने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति से वंचित कर दिया गया। उन्होंने विभाग के अधिकारियों पर बुनियादी नियमों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया।
श्री पटेल के मुताबिक, साल 2018 में 69,000 शिक्षक भर्ती आयोजित की गई थी। 21 जून, 2020 को 69,000 अभ्यर्थियों की चयन सूची आई जिसमें आरक्षण लागू करने में विसंगति थी। जब विभाग ने मामले पर संज्ञान नहीं लिया तो चयन से वंचित सभी अभ्यर्थियों ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में अपनी शिकायत दर्ज करायी। लगभग एक साल तक सुनवाई के बाद 29 अप्रैल 2021 को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि पिछड़ा वर्ग को नियमानुसार आरक्षण नहीं दिया गया है और ओबीसी अभ्यर्थियों के अधिकारों का हनन किया गया है।
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कई महीनों के आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया और अधिकारियों को आरक्षण के कार्यान्वयन में विसंगति को दूर करने और सभी को नौकरी देने का आदेश दिया। अधिकारियों ने 6800 पीड़ित अभ्यर्थियों की सूची तैयार कर नियुक्ति देने का वादा किया, लेकिन अब तक न्याय नहीं मिल सका। अपनी मांगों को लेकर सभी अभ्यर्थी अपने परिवार के साथ लखनऊ पहुंचेंगे और मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे। अमरेंद्र पटेल ने कहा कि इस मामले में वर्तमान बेसिक शिक्षा मंत्री से कई बार मुलाकात की गयी लेकिन कोई सार्थक निष्कर्ष नहीं निकला, जिसके कारण 6800 की सूची में शामिल सभी अभ्यर्थियों ने 16 जुलाई को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने का निर्णय लिया है।
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