नई दिल्लीः अगले साल पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में होने वाले चुनाव से पहले किए गए सर्वेक्षण में चौकाने वाले नतीजे सामने आए है। इऩ राज्यों में करीब 40 फीसदी लोग अपने-अपने मुख्यमंत्रियों के काम से काफी संतुष्ट हैं, जबकि पंजाब में 65 फीसदी लोग अपने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के काम से संतुष्ट नहीं हैं। सर्वेक्षण से पता चला कि कुल मिलाकर 39.7 प्रतिशत अपने संबंधित मुख्यमंत्रियों के काम से बहुत संतुष्ट हैं जबकि 27.2 प्रतिशत कुछ हद तक संतुष्ट हैं और 27.4 प्रतिशत बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं।
पंजाब में करीब 64.8 प्रतिशत लोगों ने संतुष्ट नहीं
वहीं एक सवाल के जवाब में कि आप अपने मुख्यमंत्री के काम से कितने संतुष्ट हैं पर, पंजाब में लगभग 64.8 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे संतुष्ट नहीं हैं जबकि केवल 12.6 प्रतिशत ने कहा कि वे अमरिंदर सिंह के काम से बहुत संतुष्ट हैं और 19 प्रतिशत ने कहा कि कुछ हद तक संतुष्ट हैं। गोवा में, लगभग 24.7 प्रतिशत ने कहा कि वे बहुत संतुष्ट हैं, जबकि 53.6 प्रतिशत ने कहा कि वे कुछ हद तक संतुष्ट हैं। लगभग 20.7 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं।
यूपी के सीएम योगी के कार्य से लगभग 43.6 प्रतिशत लोग खुश
मणिपुर में, लगभग 30.1 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से बहुत संतुष्ट हैं, जबकि 26.6 प्रतिशत ने कहा कि वे कुछ हद तक संतुष्ट हैं, और 43.4 प्रतिशत ने कहा कि वे बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्य से लगभग 43.6 प्रतिशत उत्तरदाता काफी संतुष्ट हैं, जबकि 19.1 प्रतिशत कुछ हद तक संतुष्ट हैं। उत्तर प्रदेश में लगभग 37 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे अपने मुख्यमंत्री से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं।
उत्तराखंड में जहां सत्तारूढ़ भाजपा ने चार महीने में दो मुख्यमंत्री बदले हैं, वहीं करीब 36.4 फीसदी उत्तरदाता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के काम से काफी संतुष्ट हैं। सर्वेक्षण में कुल 10.9 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे कुछ हद तक संतुष्ट हैं, जबकि 35.8 प्रतिशत ने कहा कि वे बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं। सर्वेक्षण के लिए कुल नमूना आकार 690 विधानसभा सीटों को कवर करते हुए पांच राज्यों में 81,006 था।
यह राज्य सर्वेक्षण पिछले 22 वर्षों में भारत में स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय मतदान एजेंसी सीवोटर द्वारा आयोजित सबसे बड़े और निश्चित स्वतंत्र नमूना सर्वेक्षण ट्रैकर सीरीज का हिस्सा है। बता दें कि ये सर्वेक्षण एबीपी-सीवोटर-आईएएनएस बैटल फॉर द स्टेट्स के अनुसार किया गया। जिसमें चौकाने वाले नतीजे सामने आए।
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