गुवाहाटीः कोरोना के साथ असम में जापानी इंसेफेलाइटिस जमकर कहर मजा रहा है। यहां पिछले 37 दिनों में जापानी इंसेफेलाइटिस से करीब 63 लोगों की मौत हो गई, जबकि 347 संक्रमित हो गए, जिससे स्वास्थ्य विभाग को इस बीमारी से निपटने के लिए विभिन्न उपाय करने पड़े। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि नागांव जिले से तीन ताजा मौतें हुईं, जबकि कछार, डिब्रूगढ़ और कामरूप मेट्रो सहित 10 जिलों से ताजा संक्रमण की सूचना मिली।
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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अनुसार, 1 जुलाई से राज्य के 35 जिलों में से 22 से अधिक में वेक्टर जनित बीमारी से संक्रमित होने के बाद कम से कम 63 लोगों की मौत हो चुकी है। एनएचएम के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने जिला अधिकारियों को जिला रैपिड रिस्पांस टीमों का गठन करने का निर्देश दिया और तदनुसार, स्थिति पर कड़ी नजर रखने और निवारक उपाय करने के लिए इनका गठन किया गया। जापानी इंसेफेलाइटिस और मलेरिया हर साल असम में कई लोगों की जान लेते हैं, खासकर मानसून के मौसम के दौरान जो आमतौर पर मई में शुरू होता है और अक्टूबर तक फैला रहता है।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अविनाश जोशी व एनएचएम के निदेशक एम.एस. लक्ष्मी प्रिया जिला अधिकारियों के संपर्क में हैं और उन्हें स्थिति से निपटने के लिए सक्रिय रहने को कहा है। एनएचएम ने प्रकोप से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया और दिशानिर्देश भी जारी किए हैं और स्वास्थ्य कार्यकर्ता बीमारी के खिलाफ बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चला रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि पिछले साल जापानी इंसेफेलाइटिस के कारण कम से कम 40 लोगों की मौत हुई थी। जापानी इंसेफेलाइटिस मुख्य रूप से मानसून के दौरान संक्रमित मच्छरों द्वारा फैलता है।
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