रांचीः झारखंड के छह प्रवासी मजदूर (migrant labor) मुस्लिम देश ओमान में एक प्राइवेट कंपनी में पिछले कुछ महीनों से बंधक बने हुए हैं। ये सभी मजदूर दाने-दाने को मोहताज हो गए, इनके पास खाने को कुछ नहीं बचा है। इन मजदूरों के परिजनों ने इस मामले की जानकारी मिलने के बाद अब राज्य व केंद्र की मोदी सरकार से उन्हें वापस लाने की गुहार लगाई है। ये भी प्रवासी गिरिडीह-बोकारो और हजारीबाग के रहने वाले है।
दरअसल प्रवासी मजदूरों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने भी झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार से अपील की है कि ओमान देश की राजधानी मस्कट में एक प्राइवेट कंपनी में फंसे इन मजदूरों की स्वदेश वापसी की व्यवस्था राज्य सरकार करे। जानकारी के अनुसार गिरिडीह के बगोदर के महूरी गांव निवासी किशोर महतो, बोकारो के पेक निवासी युगल महतो और हजारीबाग के नेरकी गांव के संजय महतो के अलावा अलग अलग गांव के दिनेश महतो, अर्जुन महतो शामिल हैं।
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जिस निजी कंपनी के छह मजदूर (migrant labor) घर में नजरबंद हैं। उस कंपनी के सभी कर्मचारी पिछले साल दिसंबर में मोबाइल टावर लगाने गये थे। इसके बाद से कंपनी ने इन मजदूरों को बंधुआ मजदूर बनाकर उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए। मजदूरों को पांच माह से वेतन भी नहीं दिया गया है। इन मजदूरों ने कंपनी में काम करने वाले अन्य कर्मचारियों के मोबाइल से वीडियो भेजकर अपने परिजनों को मामले की जानकारी दी और भारत सरकार और राज्य सरकार से भारत लौटने की गुहार लगाई।
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